बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोडऩे के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको आरएसपी और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।
अभी धान रोपाई का मौसम है बारिश नहीं होने पर किसान डीजल से पंपिंग सेट चलाते है और बुआई करते हैं। डीजल महंगा होने से किसानों की भी मुश्किलें बढ़ी हैं। मालवाड़ा महंगा होने से सब चीज महंगी हो जाएगा। इससे महंगाई को काबू में रख पाना मुश्किल होगा। माल ढुलाई बढऩे से सामान महंगा होगा।
माल ढुलाई बढऩे से फल और सब्जी जैसी जल्दी खराब होने वाली चीजों की कीमत में उछाल आना तय है। वहीं, दैनिक उपयोग के सामान की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण माल ढुलाई में इजाफे का असर एकसाथ पूरे देश पर दिखाई देगा। इससे एफएमसीजी कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा और वे कीमतों में बढ़ोतरी को मजबूर होंगी। फल और सब्जियों की कीमतों में ढुलाई का हिस्सा दूसरी वस्तुओं के मुकाबले ज्यादा होता है। दरअसल, अलग-अलग किसानों के पास कम मात्रा में फल-सब्जी होती हैं। उन्हें अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने में बड़ी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ता है।
पेट्रोल और डीजल के बीच का अंतर घटकर मात्र सात रुपए प्रति लीटर रह जाने से ऑटोमोबाइल कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। बीएस-६ फेरे में चल रही इन ऑटो कंपनियों को अब यह तैयारी करनी होगी कि वह डीजल वाहनों की बिक्री के लिए नई रणनीति तैयार करें, क्योंकि डीजल वाहन पेट्रोल वाहनों के मुकाबले करीब डेढ़ से दो लाख रुपए तक महंगे आते है। पिछले कुछ सालों में डीजल और पेट्रोल के दामों में काफी अंतर था, जिससे वाहन कंपनियों को दोनों सेगमेंट में वाहन बेचने में कोई दिक्कत नहीं आ रही थी, लेकिन अब अंतर घटकर मात्र सात रुपए रह गया है। देश में जिस तरह से पेट्रोल और डीजल के बीच का अंतर कम हो रहा है, जिससे लगता है कि एक दिन डीजल देश में पेट्रोल से भी महंगा मिलेगा।