गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 16 जून 2017 को पेट्रोलियम कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों के आधार पर प्रतिदिन पेट्रोल-डीजल के भाव तय करने का अधिकार दिया था। कर्नाटक चुनाव को देखते हुए केन्द्र सरकार के इशारे पर पेट्रोलियम कंपनियों ने 24 अप्रेल के बाद कीमतों में बदलाव करना बंद कर दिया था। इसके बाद आज 14 मई को पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ाए गए हैं।
बीते 20 दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें चार फीसदी तक बढ़ गई। 24 अप्रेल को डब्ल्यूटीआई कैटेगरी क्रूड 68.93 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट कैटेगरी क्रूड 74.95 डॉलर प्रति बैरल कीमत थी। 14 मई को डब्ल्यूटीआई कैटेगरी क्रूड के दाम बढ़कर 70.49 डॉलर और ब्रेट कैटेगरी के 76.77 डॉलर हो गए। 24 अप्रेल को भारत में कच्चे तेल के दाम 4,565 रुपए प्रति बैरल थे, जो 14 मई को बढ़कर 4,793 हो गए।
थोक महंगाई दर चार माह की उच्चतम
महंगे ईंधन के कारण अप्रैल महीने में थोक महंगाई दर 2.47 फीसदी से बढकऱ 3.18 फीसदी पर आ गई है। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग की तरफ से जारी डेटा के अनुसार इसके 2.92 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल यह दर 3.85 फीसदी थी। गौरतलब है कि मार्च में डब्ल्यूपीआइ इंडेक्स 2.47 फीसदी पर रहा था।अप्रैल महीने में सब्जियों से जुड़ी महंगाई दर (-) 2.7 से बढक़र (-) 0.89 फीसदी पर आ गई।
सरकार ने एक बार फिर थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की दर (डब्ल्यूूपीआइ) का आधार वर्ष बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार अब 2017-18 को आधार वर्ष बनाने जा रही है। सरकार का मानना है कि इससे वास्तविक तस्वीर सामने आएगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने काम शुरू कर दिया है। डब्लूपीआइ में भी संशोधन किया जा रहा है। इसमें कुछ नए उत्पाद शामिल होने की संभावना है।