जयपुर के जवाहर कला केंद्र (
jkk jaipur ) की सुकृति कला दीर्घा में (
photo exhibition in
JKK jaipur ) लगी है उस भयावह जलजले की सिहरन दौड़ती तबाही की तस्वीरें। जो प्रोफेसर एम.हसन ने अपने कैमरे में कैद की थीं। वे वहां बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री लेकर गए थे। मंजर देखा तो कई तस्वीरें खींच ली। उनमें से 55 फोटो इस प्रदर्शनी में लगाई गई हैं। हर फोटो सिसकती-सी अपनी दास्तां बयां कर रही है।
प्रो. हसन बताते हैं कि उन्होंने श्रीनगर और उसकी कई कॉलोनियों, डल झील और उसके आसपास बसे गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई, उसी दौरान कई दृश्य देख हृदय द्रवित हो उठा, तो उन्हें कैमरे में कैद कर लिया।
हसन बताते हैं, एक परिवार के एक ही परिसर में दो बड़े बंगले थे। जब बाढ़ का पानी तीसरी मंजिल तक भी पहुंच गया, तब छत पर दोनों बंगलों में रहने वाले एक जगह यह सोचकर इकट्ठे हो गए कि साथ मरेंगे। और करने लगे मौत का इंतज़ार। तो, एक प्रोफेसर पानी मे डूबने लगे तो ऊंचाई पर खड़े एक सरदारजी ने अपनी पगड़ी उतार उससे उनको ऊपर खींचकर बचा लिया।
छायाकार हसन के मुताबिक, एक 75-80 साल का शख्स अपने ध्वस्त आशियाने के बाहर लाचार बैठा था, वापस आशियाना खड़ा करने की कोई उम्मीद उसकी आंखों में नहीं थी। तो, प्रदर्शनी में लगी अंतिम फोटो में एक खूबसूरत बच्ची की मुस्कराहट और आंखों में उम्मीद झलक साफ दिखती है। इस फोटो को हसन ने नाम भी ‘होप’ दिया है।
अरुणा रॉय ने किया उद्घाटन
इस फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन शनिवार सुबह सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने किया। विशिष्ट अतिथि हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी थे। यह प्रदर्शनी 3 दिसम्बर तक चलेगी।