खाचरियावास ने कहा कि सेन्ट्रल मोटर व्हीकल एक्ट जनविरोधी है। देश की जनता इस एक्ट के प्रावधानों से डर गई है। ऐसे में यह एक्ट अभी तक कुछ राज्यों में लागू हुआ है। केन्द्र सरकार को उन लोगों का दर्द समझना पडेगा, जो इतना अधिक जुर्माना नहीं दे सकते। पुराने मोटर साइकिल, कार और ट्रक की कीमत से ज्यादा जुर्माना रखा गया है। ऐसे में जांच एंजेसियों को देखकर वाहन लेकर लोग भागेंगे तो उससे सडक़ दुर्घटनाएं अधिक होंगी। एक्ट के सेक्शन 200 में राज्य सरकारों (
State Government ) के जो अधिकार हैं, उसके अनुसार हम कम्पाउण्डेबल जुर्माने कम कर रहे हैं, लेकिन नान-कम्पाउण्डेबल पेनल्टी हम कम नहीं कर सकते, वो भी बहुत ज्यादा है।
खाचरियावास ने कहा कि वन नेशन-वन टैक्स की केन्द्र सरकार की पॉलिसी बिल्कुल गलत है। इससे राज्यों के टैक्स के अधिकार कम हो जाएंगे। केन्द्र सरकार राज्यों के बकाया टैक्स पहले ही अदा नहीं कर रही है, उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को ग्रामीण परिवहन सेवा और परिवहन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। हमें विश्वास है कि केन्द्र सरकार कोई भी पॉलिसी बनाने से पहले हमें विश्वास में लेकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राजस्थान की 50 हजार पंचायतों में 5 लाख सडक़ सुरक्षा अग्रदूत बनाए जा रहे हैं और प्रदूषण मिटाने के लिए राजस्थान में हर माह की पहली तरीख को परिवहन विभाग में नो व्हीकल डे लागू किया गया है।