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Pitru Paksha 2023: श्राद्ध के दौरान ब्राह्मणों को कराएं भोजन, इन चीजों का भूलकर भी न करें इस्तेमाल

पितरों का श्राद्ध करने के दौरान भोजन बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। कहते हैं कि ऐसा नहीं करने से पूर्वज रूठ जाते हैं और बिना भोजन किए लौट जाते हैं।

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जयपुर

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Savita Vyas

Oct 06, 2023

Pitru Paksha 2023: श्राद्ध के दौरान ब्राह्मणों को कराएं भोजन, इन चीजों का भूलकर भी न करें इस्तेमाल

Pitru Paksha 2023: श्राद्ध के दौरान ब्राह्मणों को कराएं भोजन, इन चीजों का भूलकर भी न करें इस्तेमाल



जयपुर। पितृ पक्ष के दौरान पितरों को खुश करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन करवाए जाने की परंपरा है। पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण भोजन, तर्पण और दान-किए जाते हैं। कहा जाता है कि अपने पितरों का श्राद्ध करने के दौरान भोजन बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। कहते हैं कि ऐसा नहीं करने से पूर्वज रूठ जाते हैं और बिना भोजन किए लौट जाते हैं। आइए आपको बताते हैं श्राद्ध के दौरान भोजन में किन चीजों से परहेज करें—

सात्विक भोजन ही बनाएं
श्राद्ध के दौरान घर में सात्विक भोजन ही बनाएं। पितरों के नाम भोजन बनाने के लिए प्याज, लहसुन, पीली सरसों का तेल और बैंगन का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा, भोजन में इस्तेमाल होने वाले दूध और दही गाय का ही होना चाहिए।

भोजन में क्या बनाएं

श्राद्ध कर्म में पितरों के नाम बनाए जाने वाले भोजन में खीर का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पूरी, आलू की सब्जी, छोले या फिर कद्दू की सब्जी बना सकते हैंं इसके अलावा मिठाई को भी पितरों के भोजन में शामिल करें।

रखें शुद्धता का ख्याल
श्राद्ध के दौरान अगर आप पितरों के निमित्त भोजन बना रही हैं तो शुद्धता का ध्यान जरूर रखें। भोजन बनाने से पहले अपने घर खासकर रसोई को अच्छी तरह से साफ कर लें। शास्त्रों की मानें तो शुद्धता से पितृ प्रसन्न होते हैं और श्राद्ध का फल मिलता है। ध्यान रखें स्नान करने के बाद ही भोजन बनाएं।

बर्तन का भी रखें ध्यान
जब तक ब्राह्मण भोजन न खाए,तब तक खुद भी भोजन न करें। ब्राह्मणों को कांसे, चांदी या फिर पत्तल में ही भोजन करवाएं। श्राद्ध कर्म के दौरान कांच और प्लास्टिक जैसी चीजों का इस्तेमाल करना वर्जित है।

दक्षिण दिशा में कराएं भोजन
ब्राह्मण को दक्षिण दिशा में ही भोजन करवाएं। इसके बाद में उन्हें अपने पूर्वजों के निर्मित वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए। इससे पहले पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी जरूर लें।