राज्य में यह घटनाक्रम चल रहे थे और दिल्ली में सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। गहलोत ने भाजपा के राष्ट्रवाद के मुद्दे और ध्रुवीकरण को हार का प्रमुख कारण बताया।
सूत्रों के अनुसार राहुल अब हार की सफाई सुनने के लिए किसी भी बड़े नेता से सीधे नहीं मिलना चाहते। सभी नेताओं को संगठन महासचिव के समक्ष अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक व्यवस्था भी रही है कि संगठन संबंधित सभी चर्चा महासचिव से की जाती है, वह राष्ट्रीय अध्यक्ष को पूरे मामले से अवगत कराते हैं। गहलोत के संगठन महासचिव के समय भी यही व्यवस्था थी।
गहलोत ने वेणुगोपाल के सामने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की बातें मीडिया में आने पर नाराजगी जाहिर की। कहा, इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है। इसके तुरन्त बाद वेणुगोपाल ने मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को मीडिया में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। इसके बाद सुरजेवाला ने कांग्रेस की तरफ से सफाई दी।
उन्होंने कहा कि पार्टी की बंद कमरे की बैठक में हुई बातचीत का सभी को सम्मान करना चाहिए। संभावना एवं सुनी सुनाई बातों से बनी खबरें महज अफवाह हैं। गहलोत ने राज्य में बदलते सियासी घटनाक्रम के साथ अन्य राजनीतिक विषय पर भी वेणुगोपाल से चर्चा की। इससे पहले राजस्थान हाउस में मीडिया से औपचारिक बातचीत में गहलोत ने कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा मिलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है, ना ही कटारिया से कोई बातचीत हुई है।