आज दिन और रात के तापमान में आंशिक उतार चढ़ाव रहने व दिन में धूप की तपिश से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। बीते चौबीस घंटे में प्रदेश में मौसम सूखा रहा। बीते पांच दिन से ज्यादातर जिलों में बारिश का दौर थमे रहने के कारण गर्मी और उमस परेशान कर रही है। वहीं अगले 24 घंटे में भी बारिश होने की उम्मीद बहुत कम है। राजधानी जयपुर के बाशिंदे भी गर्मी और उमस से परेशान हैं। पश्चिमी हवा चलने पर दिन में गर्मी तीखे तेवर दिखा रही है तो सूर्यास्त के बाद उमस भी बेचैनी बढ़ा रही है। जयपुर में आज सुबह आसमान साफ रहा और सुबह छह बजे अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ है।
नहीं हुई बारिश तो बढ़ेगी लोगों की मुश्किलें
मानसून ( Monsoon 2019 ) की बेरुखी के चलते प्रदेश की सबसे बड़ी जलापूर्ति परियोजना पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। प्रदेश में मानसून सुस्त है और ऐसे में पानी की आवक नहीं होने व रोजाना तीन सेंटीमीटर बांध का जलस्तर घटने पर बीसलपुर बांध अब जयपुर व अजमेर समेत अन्य कस्बों की अगले एक महीने ही और प्यास बुझा पाएगा। सामान्यतया बीसलपुर बांध में पानी की आवक अगस्त में शुरू होती है। प्री मानसून ( Pre monsoon 2019 ) की बारिश का दौर भीलवाड़ा, चित्तौड़ और प्रतापगढ़ में इस बार अच्छा रहा। इसके चलते बांध में इस बार जुलाई में ही पानी की आवक शुरू होने की उम्मीद बंधी। हालांकि बांध के केचमेंट एरिया और आसपास के इलाकों में बीते सप्ताह हुई बारिश से बांध का जलस्तर आठ सेमी बढ़ा भी, लेकिन बीते एक सप्ताह से बारिश का दौर प्रदेश में थमा हुआ है। ऐसे में बीसलपुर बांध से जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों को हो रही जलापूर्ति के चलते बांध का जलस्तर रोजाना तीन सेंटीमीटर तक घट रहा है।
बांध में पानी का स्टॉक कम होने पर विभागीय अधिकारी बीती मार्च से अब तक आपूर्ति में 45 फीसदी कटौती कर चुके हैं। ऐसे में पिछले एक माह में बीसलपुर बांध में पानी की आवक नहीं होना विभाग व प्रदेशवासियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि रोजाना 3 सेमी पानी कम होने से आज बांध का गेज 305.24 आरएल मीटर शेष रह गया है। बीसलपुर बांध परियोजना के सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया, बांध में 2.5 टीएमसी पानी का भराव शेष है, जो कि बांध में कुल जलभराव का लगभग छह प्रतिशत है।