उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की अगुवाई में बनाई गई इस जांच टीम में प्रदेश महामंत्री व विधायक मदन दिलावर और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी शामिल किए गए हैं। जांच दाल का ये प्रतिनिधिमंडल आज गोविंदगढ़ के घटनास्थल पर पहुंचकर विभिन्न पक्षों से मुलाक़ात करेगा और रिपोर्ट तैयार कर प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया को सौंपेगा।
लचर क़ानून व्यवस्था ज़िम्मेदार : राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के लिए गहलोत सरकार की लचर कानून व्यवस्था को ज़िम्मेदार बताया है। उन्होंने गोविंदगढ़ जैसी घटनाओं को सरकार के माथे पर कलंक बताया। राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक – 2019 पारित होने के बाद भी ऐसी घटनाएं थम नहीं रही है।
ये भी पढ़ें : चिंरजीलाल को भीड़ ने चोर समझकर मार डाला, 7 आरोपी गिरफ्तार
ये था मामला
अलवर जिले के गोविंदगढ़ कस्बे के रामबास गांव में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। चिरंजीलाल (45) नाम के शख्स की एक समुदाय के करीब 20 से 25 लोगों ने 14 अगस्त को बुरी तरह से पिटाई की थी, जिसकी सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
प्रारंभिक जांच पड़ताल में सामने आया था कि चिरंजीलाल रविवार सुबह करीब 5 बजे घर के पास खेत में टॉयलेट करने गया था। इस दौरान स्कॉर्पियो और पिकअप में सवार होकर आए लोगों के एक समूह ने खेत में ही उसे बेरहमी से पीटा। चीख-पुकार सुनकर लोग भागकर खेत में पहुंचे तो चिरंजीलाल वहां अधमरा पड़ा था। आरोपी भी वहीं खड़े थे और चिरंजीलाल पर ट्रैक्टर चोरी का आरोप लगा रहे थे।
ये भी पढ़ें : अलवर मॉब लिंचिंग पर बोले पूनिया, राजस्थान में अपराधियों के हौंसले बुलंद
विगत दिनों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं
– अलवर के बड़ौदामेव में दलित नाबालिग योगेश जाटव की हत्या
– चित्तौड़गढ़ के बिलखंडा में युवक पिंटू की मौत
– झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि की हत्या
– डूंगरपुर में आरएसी जवान की मॉब लिंचिंग