इसमें प्रदेश संगठन ने शाह को 85 विधानसभा सीटों पर सिंगल पैनल थमा दिया। अर्थात इन सीटों पर राज्य इकाई ने अपने तरफ से प्रत्याशी तय करके शाह को बताए। शाह ने सिंगल पैनल पर सहमति नहीं जताई।
संगठन ने करीब 39 सीटों पर दो नाम दिए। शेष सीटों पर 3 से 4 नामों का प्रस्ताव रखा गया है। तमाम सर्वेक्षण और रायशुमारी के बाद भी बुधवार को 50 से 60 नामों पर आंशिक सहमति बनी।
इससे पहले दिल्ली में प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ हुई बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इसके बाद शाह के यहां बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जो लोग पार्टी और उसके साथ लंबे समय से जुड़े हैं, उनकी अनदेखी उचित नहीं होगी।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व ने साफ कर दिया कि उम्मीदवारों को जीतने के लिए ग्राउंड सर्वे और स्थानीय समीकरण को ही आधार बनाकर प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा। इसमें किसी को कोटा के आधार पर टिकट नहीं मिलेगा। शाह के यहां बैठक खत्म होने के बाद राजस्थान के सभी नेता देर रात तक प्रकाश जावड़ेकर के घर फिर जुटे।
यहां नए सिरे से उम्मीदवारों के नाम पर मंथन शुरू हुआ। यह मीटिंग देर रात तक चलती रही। बैठक में वसुंधरा, जावड़ेकर, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, मदनलाल सैनी, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, वी. सतीश, चन्द्रशेखर, अशोक परनामी समेत दिल्ली के कुछ प्रमुख नेता भी मौजूद थे।
अब दिवाली बाद फिर होगी बैठक
पार्टी ने तय किया है कि प्रत्याशियों के चयन के लिए अब दिवाली के बाद फिर बैठक होगी। इसमें शाह के साथ राजस्थान के वरिष्ठ नेता दोबारा चर्चा करेंगे। यह बैठक 9-10 नवम्बर को होने की संभावना है। इससे पहले शाह के सुझावों पर नए सिरे से उम्मीदवारों के नामो पर मंथन होगा।