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आम चुनाव 2019 में देशभर के 30 करोड़ से अधिक लोग घर से बाहर होने या ऐसे ही किसी न किसी कारण से मतदान नहीं कर पाए और राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव 2018 में एक चौथाई से ज्यादा मतदाता मताधिकार से वंचित रहे। ऐसा नहीं है कि मतदान प्रतिशत कम रहने को लेकर निर्वाचन आयोग चिंतित नहीं है, आयोग ने करीब 10 माह पहले घरेलू प्रवासियों या मतदान के दिन बाहर रहने वालों के लिए दूरस्थ मतदान केन्द्र के संचालन की पहल की। इसी साल जनवरी में आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) के प्रदर्शन के लिए 8 राष्ट्रीय व 57 राज्य स्तरीय दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया और उनसे लिखित में विचार भी मांगे गए, लेकिन उसके बाद आयोग ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली।
देश में 45.36 करोड़ प्रवासी भारतीय
रोजगार, विवाह या शिक्षा के कारण गृह क्षेत्र से बाहर रहने की मजबूरी ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है और जनगणना-2011 के अनुसार देश में 45.36 करोड़ भारतीय प्रवासी हैं। इनके मतदान का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और चुनाव आयोग से जून 2015 में ऐसे मतदाताओं के लिए विकल्प तलाशने को कहा गया। वैसे तो डाक मतपत्र, प्रॉक्सी वोटिंग, विशेष मतदान केंद्र एवं इंटरनेट-आधारित मतदान प्रणाली जैसे कई विकल्प हैं, आरवीएम भी इसी तरह के विकल्पों में से एक है।
एक ही जगह से 72 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग: आरवीएम के माध्यम से संचालित होने वाले एक ही दूरस्थ मतदान केंद्र से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को जोड़ा जा सकता है।
इसलिए नहीं हटवाते नाम: प्रवासी गृह क्षेत्र में स्थायी निवास/संपत्ति होने के कारण मतदाता सूची से अपना नाम नहीं हटवाते।
प्रवासियों को मतदान में चुनौतियां
– घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करना
– आदर्श आचार संहिता का क्रियान्वयन
– मतदान की गोपनीयता
– मतदान कर्मियों की नियुक्ति और मतदान केन्द्र का पर्यवेक्षण
– मतदाताओं की पहचान के लिए मतदान एजेंट का चयन
– दूरस्थ मतदान की प्रक्रिया और विधि
– मतों की गिनती
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ऐसे भी बढ़ा सकते हैं मतदान
-मतदान के दिन छुट्टी पाने वाले कर्मचारियों के लिए मतदान अनिवार्य किया जाए।
-मतदान केन्द्र दूर होने और मतदान केन्द्रों पर लंबी लाइन होने की समस्या को दूर किया जाए।
-मतदान के दिन गृह क्षेत्र से बाहर रहने वालों को भी चुनाव ड्यूटी में लगने वाले या आवश्यक सेवाओं वाले कर्मचारियों की तरह का विकल्प दिया जाए।
मतदान को कानून के माध्यम से अनिवार्य वाेटिंग करके बढ़ाया जा सकता है। लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया जाए। ऑनलाइन वोटिंग भी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन उसको लेकर कुछ समस्याएं हैं। एक तरीका यह भी हो सकता है कि प्रत्याशी की जीत के लिए न्यूनतम मत प्रतिशत तय किया जाए, जिससे प्रत्याशी भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास करेंगे। – सुभाष सी. कश्यप, लोकसभा के महासचिव एवं संविधान विशेषज्ञ