
जयपुर। राज्य सरकार ने सोमवार को विधान सभा में बजट पेश कर दिया है। आगामी विधान सभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने इस बार सभी को ध्यान में रखकर घोषणाएं की हैं। राज्य की महिलाओं को इस बार बजट से काफी उम्मीदें थी जिन्हें सरकार ने पूरा करने का प्रयास किया है। सरकार ने बजट में बालिकाओं और महिलाओं को लेकर काफी घोषणाएं की हैं। बजट घोषणा में महिलाओं लिए सबसे बड़ी राहत ‘चाइल्ड केयर लीव‘ की घोषणा है। अब देखना यह है कि बजट की इन चुनावी घोषणाओं को वो कहा तक पूरा कर पाती है। बजट में महिलाओं को मिली ये बड़ी सौगातें...
‘चाइल्ड केयर लीव‘ की घोषणा
महिला कर्मचारियों की लंबे समय से ‘चाइल्ड केयर लीव‘ दिये जाने की मांग रही है। इस बजट में राज्य सरकार ने महिला कर्मचारियों की इस मांग को ध्यान में रखते हुए उनकी इस इच्छा को पूरा किया है। बजट में महिला कर्मचारियों को पूरी सेवा अवधि में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की देखभाल हेतु अधिकतम 2 वर्ष की ‘चाइल्ड केयर लीव‘ का प्रावधान किए जाने की घोषणा की है।
आंगनबाड़ी महिला कर्मियों का बढ़ाया मानदेय
सरकार ने इस बजट में महंगाई को ध्यान में रखते हुए महिला मानदेयकर्मियों का मानदेय बढ़ाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 4 हजार 730 रुपए के स्थान पर 6 हजार रुपए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 3 हजार 365 रुपए के स्थान पर 4 हजार 500 रुपए, सहायिका को 2 हजार 565 के स्थान पर 3 हजार 500 रुपए, साथिन को 2 हजार 400 रुपए के स्थान पर 3 हजार 300 एवं आशा सहयोगिनी को 1 हजार 850 रुपए के स्थान पर 2 हजार 500 रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की है। इस बढ़ोतरी से 1 लाख 84 हजार महिला मानदेयकर्मी लाभान्वित होंगी।
1 लाख 84 हजार महिला मानदेयकर्मी होंगी लाभान्वित
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा मानदेयकर्मियों द्वारा देय अंशदान को समाप्त करते हुए, प्रीमियम की शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की। साथ ही इस बीमा योजना के लाभान्वितों में साथिन को शामिल करते हुए, राज्य सरकार के अंशदान को 1 करोड़ 45 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए करने की घोषणा की है। इस योजना से भविष्य में 1 लाख 84 हजार महिला मानदेयकर्मी लाभान्वित होंगी।
सेनेट्री पेड्स उपलब्ध करवाने की घोषणा
राज्य सरकार ने बजट में 15 से 45 आयु वर्ग की ग्रामीण बालिकाओं एवं महिलाओं में महावारी समस्या के दौरान होने वाली परेशानियों को ध्यान में योजना के तहत सभी विद्यालयों/महाविद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्र, उप-स्वास्थ्य केन्द्र, अन्नपूर्णा भंडार के माध्यम से सेनेटिरी पेड्स उपलब्ध करवाने की घोषणा की है। योजना के लिए प्रारंभिक तौर पर 76 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित है।
अनाथ बालिका को स्नातक स्तर तक सहायता
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री हमारी बेटियां योजना का विस्तार करते हुए दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रत्येक जिले की मेरिट में आने वाली एक अनाथ बालिका को स्नातक स्तर तक सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाइयों में होंगी ‘सेन्ट्रलाइज्ड ऑक्सिजन सप्लाई‘ व्यवस्था
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाइयों में ‘सेन्ट्रलाइज्ड ऑक्सिजन सप्लाई‘ की व्यवस्था करवाये जाने की घोषणा की गई। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाइयों में पीपीडी मोड पर यह व्यवस्था संचालित होगी और इस पर कुल 15 करोड़ 57 लाख रुपए का व्यय होगा।
1 हजार नवीन मां-बाड़ी केन्द्र मय गैस कनेक्शन होंगे प्रारंभ
जनजाति क्षेत्र में 520 नवीन मां-बाड़ी केन्द्र शुरु कर 15 हजार 600 बालक-बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ा है तथा 1 हजार 339 मां-बाड़ी केन्द्रों/डे-केयर सेंटर्स पर गैस कनेक्शन प्रदान किये हैं। मां-बाड़ी केन्द्रों की सफलता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 1 हजार नवीन मां-बाड़ी केन्द्र मय गैस कनेक्शन प्रारंभ किये जाएंगे।
पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत
राज्य सेवा में बतौर पारिवारिक पेंशनर विधवा महिला की नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति पर उसे पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत की घोषणा।
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए सम्मानित
भारत सरकार द्वारा राज्य को बाल लिंगानुपात सुधाने पर वर्ष 2017 में ‘नारी शक्ति पुरस्कार‘ दिया गया था। इसी वर्ष ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए झुंझुनू जिले को सम्मानित किया गया है।
Updated on:
12 Feb 2018 04:46 pm
Published on:
12 Feb 2018 04:42 pm
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