बजट में प्राकृतिक गैस पर भी टैक्स बढा दिया गया है। कटारिया ने कहा कि 75 हजार पदों को भरने की बात कही गर्ई है, जबकि यह पहले से ही प्रक्रियाधीन है। किसानों के लिए बजट में जो प्रावधान किया गया है, वह भी सही नहीं। आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का मानदेय भी पहले ही बढाया जा चुका है। शिक्षा के लिए जो बजट तय किया गया, उसके आंकडे भी विरोधाभासी है। रिफाइनरी को लेकर अशोक गहलोत की ओर से लगाए गए आरोपों पर कटारिया ने कहा कि हम चर्चा करने को तैयार है। हमारी सरकार ने चालीस हजार करोड रुपए बचाए हैं।
डीएलसी की दरों में भी बीस से 47 प्रतिशत की बढेातरी कर जनता की जेब काटने का निर्णय इस सरकार ने किया है। आदिवासियों के लिए बजट में कुछ नहीं दिया गया। मेवाड से कांग्रेस को सीटें नहीं मिली तो बजट में यह भेदभाव किया गया है। लउप प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन है। यह बजट किसान, नौजवान विरोधी हैं। 16 लाख किसान आज भी सरकार को कोस रहे हैं। किसान कर्ज माफी के नाम पर उनके साथ धोखा किया गया। नाम बदलने के अलावा सरकार कुछ नहीं कर रही। यह बजट धरातल पर कुछ और है और कागजों में कुछ और। लोकसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस की चूलें हिल रही है और अशोक गहलोत भी इस बार के जिम्मेदार हैं।