राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक और निदेशक माध्यमिक शिक्षा को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। गृहमंत्री की अध्यक्षता में समिति गठित झालानी ने आदेशों में बताया कि सार्वजनिक निजी सहभागिता नीति 2017 के संबंध में विभिन्न संगठनों से प्राप्त ज्ञापनों द्वारा दी गई।
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आपत्तियों और सुझावों पर विचार कर राज्य सरकसरा को अनुशंषा किए जाने के लिए गृह मंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। जिसमें कटारिया के साथ ही पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ और शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी भी हैं। समिति की अनुशंषा प्राप्त होने एवं अनुशंषा पर राज्य सरकार द्वारा निर्णय लेने तक सार्वजनिक निजी सहभागिता नीति 2017 के क्रियान्वयन को स्थगित किया जाता है। यह भी पढ़ें
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गौरतलब है कि निजी स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने का ग्रामीणों और अभिभावकों ने जबरदस्त विरोध किया। उनका कहना था कि इस नीति के तहत सरकार के कुछेक लोगों के चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। साथ ही लोगों का यह भी आरोप था कि करोड़ों की जमीन के चलते लोग इन स्कूलों को ले रहे हैं।
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