गहलोत ने पत्र में लिखा है कि 25 जुलाई, 2019 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान इस समस्या पर चर्चा हुई थी। पंजाब से आने वाले प्रदूषित जल की समस्या विशेषकर नहरबंदी के बाद नहरों को फिर से खोले जाने के समय एवं पानी की आपूर्ति का स्तर कम होने के समय सर्वाधिक होती है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान फीडर के पानी का उपयोग सिंचाई के अलावा पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में करीब पौने दो करोड़ लोगों के पीने में भी होता है। ऎसे में लोगों के स्वास्थ्य पर इस प्रदूषित जल का विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि पंजाब ने सतलज नदी में प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए एक विस्तृत कार्य-योजना बनाई है और वहां के मुख्य सचिव इसके क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा स्वयं कर रहे हैं। यह एक अच्छा कदम है। उन्होंने लिखा कि अशोधित जल एवं औद्योगिक अवशिष्ट सतलज एवं इसकी सहायक नदियों में सीधे नहीं छोड़ा जाए। गहलोत ने उम्मीद जताई कि दोनों राज्यों के लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर पंजाब की तरफ से सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
शेष रही रिलाइनिंग का काम हो पूरा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ( Charanjit Singh Channi ) को पत्र लिखकर सरहिन्द फीडर एवं राजस्थान फीडर के पंजाब में शेष रहे रिलाइनिंग के कार्यों को आगामी नहरबंदी के दौरान पूरा करने के संबंध में पंजाब के अधिकारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।
सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा है कि सरहिन्द फीडर एवं राजस्थान फीडर के रिलाइनिंग कार्यों को मार्च-जून, 2019 से मार्च-जून, 2021 तक की तीन कार्य संचालन अवधियों में पूरा किए जाने के संबंध में एक एमओयू भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय, राजस्थान सरकार एवं पंजाब सरकार के बीच 23 जनवरी, 2019 को हस्ताक्षरित हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि मार्च-मई, 2021 की नहरबंदी के दौरान पंजाब ने सरहिन्द फीडर के रिलाइनिंग कार्य 2019 में शुरू कर दिए और 100 किमी में से 45 किमी लंबाई के रिलाइनिंग कार्य क्रियान्वित कर लिए हैं। इसी तरह राजस्थान फीडर के 97 किमी में से 23 किमी लंबाई के रिलाइनिंग कार्य मार्च-मई, 2021 की नहरबंदी के दौरान कर लिए हैं। राजस्थान ने भी तत्परता दिखाते हुए वर्ष 2021 की 60 दिन की नहरबंदी में से 30 दिन की नहरबंदी के दौरान राजस्थान फीडर (मुख्य नहर) के 47 किमी लंबाई के रिलाइनिंग कार्य पूरे कर लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि 23 जनवरी, 2019 को हुए एमओयू के तहत गठित विशेषज्ञ परियोजना समीक्षा समिति द्वारा सरहिन्द फीडर एवं राजस्थान फीडर के रिलाइनिंग कार्यों को पूरा करने के लिए एक साल का एक्टेंशन दिया गया है। ऎसे में मुख्यमंत्री ने पंजाब राज्य के शेष रहे रिलाइनिंग कार्यों का क्रियान्वयन आगामी नहरबंदी के दौरान पूरा करने के संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।