बंद कमरों में चली वार्ताओं में ऐसी क्या बातें हुईं हैं जिनसे गहलोत-पायलट दोनों सहमत हुए हैं अब भी सस्पेंस बना हुआ है। यही वजह है कि ये सुलह वार्ता अब राजनितिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई अपनी-अपनी तरह से इस सुलह का आंकलन करके मायने निकालने में लगा हुआ है। तमाम तरह के कयासों और अटकलों का बाज़ार गर्माया हुआ है।
फॉर्मूला बताने से इनकार
पार्टी संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने बैठक में तय किए गए फॉर्मूले को बताने से इनकार कर दिया है, लेकिन पार्टी सूत्रों ने बताया कि पायलट को चुनाव अभियान समिति या प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर चर्चा की गई है। इस पर भी फैसला खरगे पर छोड़ दिया गया है।
बना रहे दोनों का सम्मान
पार्टी सूत्रों ने बताया कि गहलोत व पायलट ने एक-दूसरे के खिलाफ मुद्दों को उठाया है। इन पर पार्टी इस तरह से फैसला लेगी, जिससे जनता और कार्यकर्ताओं के बीच दोनों का सम्मान बना रहे। ऐसे में माना जा रहा है कि पायलट आगामी दिनों में सरकार की अच्छी योजनाओं पर बयान दे सकते हैं, जबकि उनकी ओर से उठाए भ्रष्टाचार, नकल जैसे मुद्दों पर सरकार कोई जांच कमेटी बना सकती है। उधर, गहलोत को भी तल्खी पैदा करने वाले बयानबाजी में संयम बरतने के लिए कहा गया है।
खरगे पर छोड़ा फैसला, 4 घंटे तक चली बैठक
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर चार घंटे चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को मिलकर लड़ने पर सहमत हो गए। दोनों नेताओं ने चुनाव में नेताओं की भूमिका तय करने का फैसला पार्टी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।
पहले अलग-अलग बैठक, फिर संयुक्त
राजस्थान में नेताओं की कलह के चलते कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने गहलोत व पायलट को सोमवार को दिल्ली बुलाया। खरगे व राहुल गांधी ने पहले गहलोत के साथ बैठक की। इसके कुछ देर बाद प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा बैठक में शामिल हुए। चारों के बीच करीब डेढ़ घंटे बैठक चली। विभिन्न मुद्दों पर सहमति के बाद पायलट को बुलाया गया। सहमति बने पॉइंट्स पर खरगे व राहुल ने पायलट के साथ अकेले में बैठक की। आखिरी दौर की बैठक में सभी नेता शामिल हुए, जिसमें नेताओं की भूमिका तय करने का फैसला अध्यक्ष पर छोड़ने की सहमति बनी।
भ्रष्टाचार पर कार्रवाई से सब सहमत
सूत्रों ने बताया कि पायलट ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और कहा कि यदि इस पर कोई एक्शन होता है तो चुनाव में पार्टी को फायदा मिलेगा। हाल के कर्नाटक चुनाव में इसी मुद्दे पर पार्टी को जीत भी मिली है। इस पर सभी नेता सहमत भी दिखे।
आलाकमान ने किया था तलब
कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे थे, जहां दोनों नेताओं की पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में अलग-अलग बैठकों का दौर चला था। मैराथन बैठकें चलने के बाद गहलोत-पायलट गतिरोध दूर करने का फॉर्मूला इज़ाद हुआ और आखिर में देर रात को सुलह का ऐलान किया गया।
सहमति का देर रात ऐलान
कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने गहलोत-पायलट के साथ मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सचिन पायलट ने आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमति जताई है और पार्टी आलाकमान द्वारा हल किए जाने वाले सभी मुद्दों को छोड़ दिया है।
गौरतलब है कि लंबे अंतराल के बाद यह पहली बार था जब राजस्थान के मुख्यमंत्री और उनके पूर्व डिप्टी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति में आमने-सामने मिले। खड़गे और गांधी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने और भाजपा को घेरने के लिए चुनावी राज्यों के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। पार्टी नेतृत्व विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान इकाई में अंदरूनी कलह को दूर करने और दोनों नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रहा है।
आज जयपुर लौट रहे गहलोत-पायलट
नई दिल्ली में हुई सुलह के बाद आज दोनों नेता जयपुर लौट आएंगे। जानकारी के अनुसार गहलोत और पायलट दोनों नेता आज दोपहर बाद तक नई दिल्ली से रवाना होकर जयपुर लौट आएंगे। सीएम गहलोत आज राजधानी पहुंचने के बाद शाम को राजभवन में आयोजित नए न्यायाधीश के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे।