
राजस्थान कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए शुरू हुआ घमासान, तेज हुई लॉबिंग, दिल्ली तक पहुंचने लगे नेता
सुनील सिंह सिसोदिया / जयपुर। कांग्रेस ( Rajasthan Congress ) में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लागू करने की आड़ में पार्टी के कुछ नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष पद पाने के खातिर लॉबिंग शुरू कर दी है। पहले प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे ( Avinash Pandey ) ने पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग उठाई और अब मंगलवार को राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी इस बहस को आगे बढ़ाते हुए कह दिया कि एक व्यक्ति को एक ही पद रखना चाहिए। चौधरी फिलहाल स्वयं एआईसीसी सचिव के साथ केबिनेट मंत्री का दोहरा भार संभाल रहे हैं। इस पर चौधरी ने कहा कि जब मैं मंत्री बना था, तब आलाकमान के समक्ष एआईसीसी का सचिव पद छोडऩे की पेशकश कर दी थी। प्रदेश में भी जिन नेताओं के पास दो पद हैं, उन्हें स्व: विवेक से इस मामले पर फैसला करना चाहिए। क्योंकि दो पद पर रहकर किसी के साथ न्याय करना सम्भव नहीं है।
पाण्डे ने 29 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) से लंबी मंत्रणा के बाद कहा था कि पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग आ रही है। उनके इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर लॉबिंग और चर्चाएं शुरू हो गईं। इस बीच राजस्व मंत्री हरीश चौधरी मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने वहां पाण्डे से लंबी मंत्रणा की। बाहर निकलकर मीडिया से बातचीत में चौधरी ने खुद के प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में होने के सवाल को टालते हुए कहा कि राज्य में जाट प्रदेशाध्यक्ष की मांग को एक सोची समझी साजिश के तहत जानबूझकर प्रचारित किया जा रहा है। पहले किसानों के नाम पर और फिर जाति के नाम पर जाट नेताओं को राजनीति से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को फैसला लेने का अधिकार दिया है। वे जो भी फैसला लेंगी, वही सर्वमान्य होगा। चौधरी ने निकाय, पंचायतीराज और दो विधानसभाओं के उप चुनाव को लेकर भी पाण्डे से चर्चा की। इससे एक दिन पहले एआईसीसी के मीडिया पैनलिस्ट संदीप चौधरी ने प्रदेश में जाट समाज से अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी कर चुके हैं।
Published on:
04 Sept 2019 07:45 am
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