कॉल पुलिस मुख्यालय के आईजी संजीव नार्जरी के पास आया था। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए एसओजी को कहा गया। एसओजी की टीम आईजी दिनेश एमएन की अगुवाई में मालवीयनगर थाने पहुंची और कांस्टेबल भर्ती परीक्षा करवा रही एप्टेक कंपनी के प्रतिनिधियों को बुलाकर मालवीय नगर इंडस्ट्रीयल एरिये में चल रहे सरस्वती इंफोटेक में दबिश दी तो सारा मामला खुल गया।
दरअसल सेंटर संचालक की मिलीभगत से सेंटर के सभी कंप्यूटर्स को छत पर लगे एक सिस्टम के जरिए हैक कर लिया गया। सेंटर से करीब पचास मीटर की दूरी पर किराए का कमरा लेकर हैकर्स तक सारी गतिविधियां पहुंचाई गई। जिस केंडीडेट को पास कराने के पैसे लिए गए उसके सिस्टम को एक्टिव कर कुछ लोग आॅनलाइन परीक्षा दे रहे थे। एसओजी की टीम को आता देख सेंटर संचालक फरार हो गया।
वहीं उसका पार्टनर विकास मलिक समेत अमोल महाजन, अभिमन्यू सिंह, संजय छिकारा, अंकित सहरावत और अमित जाट को एसओजी ने दबोच लिया। एक अन्य की तलाश में टीम दबिश दे रही है। राजस्थान में सियासी उथल-पुथल, किरोड़ी के बाद कई और दिग्गज थाम सकते है बीजेपी का दामन!
ये थी टीम
टीम में एसओजी के डीआईजी संजय श्रोत्रीय, एएसपी करन शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह, ललित कुमार शर्मा, इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह, हैडकांस्टेबल शैलेंद्र शर्मा, कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, रामप्रकाश, असर खां, राजेंन्द्र सिंह, मालवीय नगर थानाधिकारी अजय शर्मा शामिल रहे।