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Rajasthan election 2023 : दिल है कि मानता नहीं… 40 साल पहले बने विधायक, अब भी चुनावी पिच पर खेलने की चाह

Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा के 46 ऐसे नेता हैं, जो लगातार राजनीति में छाए हुए हैं। इनमें से कुछ नेता तो ऐसे हैं जिन्होंने पहला चुनाव चालीस साल पहले लड़ा था और अब भी चुनावी पिच टिके रहने की चाह बरकरार है।

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जयपुर

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Kirti Verma

Oct 15, 2023

CG Election 2023 : आज से शुरू होगी नामांकन प्रक्रिया

CG Election 2023 : आज से शुरू होगी नामांकन प्रक्रिया

भवनेश गुप्ता
जयपुर. Rajasthan Assembly Election 2023 : भाजपा के 46 ऐसे नेता हैं, जो लगातार राजनीति में छाए हुए हैं। इनमें से कुछ नेता तो ऐसे हैं जिन्होंने पहला चुनाव चालीस साल पहले लड़ा था और अब भी चुनावी पिच टिके रहने की चाह बरकरार है। कभी हारे तो कभी जीते पर टिकटों में बाजी मारते रहे हैं। भले ही वे अब भाजपा में हों या पहले किसी अन्य दल के साथ जुड़े रहे। कुछ ऐसे भी हैं जो 9 बार चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इस बार भाजपा केवल 'जीत' के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करने में जुटी है, इसलिए इनमें से ज्यादातर के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई है।खास यह है कि आठ नेताओं के अलावा बाकी सभी ने कभी विधानसभा सीट तक नहीं बदली।

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ये नेता लड़ते रहे चुनाव...
-राजेन्द्र सिंह राठौड़- 9 बार लड़े, दो बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1980 में)
-कालीचरण सराफ- 8 बार लड़े, एक बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1985 में)
-डॉ. रामप्रताप- 7 बार लड़े, चार बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1990 में)
-सूर्यकांता व्यास- 7 बार लड़े, एक बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1990 में)
-प्रतापसिंह सिंघवी- 7 बार लड़े, एक बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1985 में)
-अमराराम चौधरी- 9 बार लड़े, चार बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1980 में)
-वसुंधरा राजे- 6 बार लडीं, एक बार हारीं (पहला चुनाव वर्ष 1985 में)
-पूराराम चौधरी- 6 बार लड़े, दो बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1993 में)
-कैलाश मेघवाल- 7 बार लड़े, दो बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1977 में)
-मदन दिलावर- 6 बार लड़े, एक बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1990 में)
-प्रेमसिंह बाजौर- 5 बार लड़े, दो बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1998 में)
-अनिता भदेल- 4 बार लड़े, नहीं हारे (पहला चुनाव वर्ष 2003 में)
-वासुदेव देवनानी- 4 बार लड़े, नहीं हारे (पहला चुनाव वर्ष 2003 में)
-मोहनलाल गुप्ता- 4 बार लड़े, एक बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 2003 में)

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इनकी वापस एंट्री, फिर उम्मीद में
देवी सिंह भाटी की हाल ही भाजपा में रि-एंट्री हुई है। वे 8 बार चुनाव लड़ चुके हैं और एक बार हारे। पहला चुनाव वर्ष 1980 में लड़ा। पिछले चुनाव में टिकट कटा, इस बीच पार्टी से बाहर हो गए। अब फिर से टिकट मिलने की उम्मीद में है।

पहली सूची में ये रिपीट..
पार्टी ने इस बार भी खैरवाड़ा से नानालाल अहारी को प्रत्याशी बनाया है। अहारी 4 बार चुनाव मैदान में आए और दो बार हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है।

इस बार इनका कटा टिकट
-राजपाल सिंह शेखावत- 6 बार लड़े, दो बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1990 में)
-नरपत सिंह राजवी- 6 बार लड़े, एक बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1993 में)
-कन्हैयालाल मीणा- 6 बार लड़े, दो बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1990 में)
-कालूलाल गुर्जर- 8 बार लड़े, चार बार हारे (पहला चुनाव वर्ष 1985 में)

ये नेता भी ...
सुरेन्द्रपाल सिंह, रामसिंह कस्वां, अशोक कुमार पींचा, खेमाराम मेघवाल, बंशीधर बाजिया, सुरेन्द्र पारीक, घनश्याम तिवाड़ी (अभी राज्यसभा सांसद), रामलाल शर्मा, राव राजेन्द्र सिंह, विजय बंसल, कृष्णकेन्द्र कौर दीपा, वासुदेव देवनानी, ज्ञानचंद पारख, पुष्पेन्द्र सिंह, केसाराम चौधरी, बाबूसिंह राठौड़, जोगेश्वर गर्ग, जग्सीराम कोली, सुशील कटारा, हरीसिंह रावत, सुरेन्द्र सिंह राठौड़, रामलाल गुर्जर, भवानी सिंह राजावत।