अपने करवा चौथ के अनुभव बताते हुए सुमन शर्मा का कहना है कि मुझे याद है कि आज से ठीक 18 साल पहले वर्ष 2000 का करवा चौथ। करवा चौथ, दिवाली के नजदीक ही आता है। पति के जेवीवीएनएल में एक्सइएन होने के कारण, उस दौरान काम अधिक था। दूसरों के घरों को रोशन करने के लिए वो बिजली के पोल के नीचे खडे होकर रिपेयरिंग करवा रहे थे। उस दिन उन्हें वापस आते-आते 12 बज गए। वहीं मैं घर पर इंतजार कर रही थी। मुझे बहुत गुस्सा भी आया और मैंने तय भी कर लिया था कि आगे से करवा चौथ का व्रत ही नहीं करूंगी।
उसके बाद मैं राजनीति में सक्रिय हो गई। तब से करवा चौथ के दिन समय पर घर लौटना मेरे लिए चुनौती बन गई। चुनावी साल में ये चुनौती बढ़ जाती है। पिछले बार 2013 में विधानसभा चुनाव के समय करवा चौथ के दिन कई कार्यक्रम में जाना पड़ा। दूसरी तरफ मेरे पति घर पर इंतजार कर रहे थे। इस बार उन्होंने कई फोन किए। लेकिन, मेरा फोन साइलेंट था। इसलिए पता ही नहीं चला। जब तक घर लौटी, तब तक चांद आसमान में काफी ऊपर आ चुका था। ये त्योहार मेरे लिए ही नहीं बल्कि हर हिंदुस्तानी जोड़े के लिए खास होता है।