सर्वाधिक टेंडर वोट चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र में डाले गए, जबकि बाडमेर और कोटा दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे। प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव में 758 टेंडर वोट डलवाए गए, जबकि इस बार यह संख्या 698 रही।
इस बार अलवर, भरतपुर, दौसा व करौली-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाताओं का आंकड़ा 10 से भी कम रहा। पिछले लोकसभा चुनाव में जहां फर्जी मतदान के कारण भीलवाड़ा और जोधपुर में सबसे अधिक 74-74 टेंडर वोट डलवाए गए, जबकि प्रदेश में इस बार सबसे अधिक 59 टेंडर वोट चित्तौड़गढ़ में डाले गए।
फर्जी मतदान का आंकड़ा ऐसे बदलता रहा
साल- फर्जी मतदान 2009- 490 2014- 497 2019- 758 2024- 698
14 जगह बढ़ गए फर्जी मतदाता
फर्जी मतदाताओं की संख्या इस बार पिछली बार के मुकाबले 60 कम होने के बावजूद 14 लोकसभा क्षेत्र ऐसे रहे, जहां फर्जी मतदान के कारण टेंडर वोट की संख्या में मामूली बढ़ोतरी हुई है। फर्जी मतदान के मामले इस बार बाड़मेर में 30, पाली में 16, बांसवाड़ा में 15 और कोटा में 10 अधिक आए।