एटीएस-एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि 21 फरवरी से अब तक 826 शिकायतें मिलीं। इनमें सबसे अधिक उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा से संबंधित 225 मिली। शिक्षक भर्ती से संबंधित 99, रीट संबंधित 90, जेईएन भर्ती की 56, प्रयोगशाला सहायक की 36, पीटीआई भर्ती की 35, एलडीसी भर्ती की 26 और ईओ/आरओ प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक व डमी अभ्यर्थियों से संबंधित 11 शिकायत मिली। एसओजी की टीम इन सभी शिकायतों की तस्दीक कर रही है। गौरतलब है कि राजस्थान में पेपर लीक गिरोह के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के साथ सूचनाएं लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। एसओजी में 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर पर मिलने वाली शिकायतों को सुना जा रहा है।
एसओजी ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा मामले में पेपर लीक गिरोह के अलग-अलग बार सरगना को जयपुर, उदयपुर व अजमेर जेल से गिरफ्तार किया है। एसओजी ने उदयपुर जेल से भूपेन्द्र सारण व अशोक नाथावत, जयपुर जेल से जगदीश बिश्नोई और अजमेर जेल से शेरसिंह मीणा को शनिवार को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। आरोपियों को रविवार को जयपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को 10 दिन के रिमांड पर एसओजी के सुपुर्द किया गया।
एसओजी आरोपियों से उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर परीक्षा से पहले लेकर किस-किस अभ्यर्थी को दिया। इस संबंध में पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि एसओजी के रडार पर आरपीए में प्रशिक्षण ले रहे आधा दर्जन से अधिक थानेदार है, जिनको गिरफ्तार किया जा सकता है। एसओजी इसी मामले में 16 प्रशिक्षु थानेदारों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा गिरोह के अन्य पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।
राजस्थान में कांग्रेस से नेताओं का मोह भंग, 50 से ज्यादा ने छोड़ी पार्टी, अभी और थामेंगे BJP का दामन!
इधर, एसओजी ने उप निरीक्षक भर्ती में पेपर लीक और डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले में रविवार को दौसा जिले में दो जगह छापे मारे। दौसा शहर में पटवारी हर्षवर्धन के सहयोगी रिंकू शर्मा के लवकुश नगर स्थित सकान पर जांघ की। आरोपी रिंकू की पत्नी सहित अन्य परिजन की भूमिका की मामले में जांच की जा रही है। वहीं महुवा क्षेत्र के टीकरी गांव में स्वरूप मीना के घर पर दबिश दी। हालांकि आरोपी नहीं मिला, लेकिन उसकी प्रॉपर्टी की जानकारी जुटाई है। गौरतलब है कि रिंकू शर्मा के घर पर दूसरी बार टीम पहुंची। टीम ने डीईओ कार्यालय जाकर आरोपी के भाई के संबंध में रिकॉर्ड हासिल किया था। एसओजी ने भर्तियों का रिकॉर्ड भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मांगा था।