विधानसभा चुनाव के मुकाबले लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं की संख्या ज्यादा है। बताया जा रहा है कि अभी भी करीब 10 से ज्यादा कांग्रेस नेता भाजपा के संपर्क में हैं, जो जल्द ही पार्टी छोड़ सकते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में मची भगदड़ से थिंक टैंक भी परेशान है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा सहित दूसरे दलों में जाने वाले नेताओं को लेकर पार्टी की स्टेट लीडरशिप के पास पहले ही जानकारी थी, लेकिन असंतुष्ट और नाराज नेताओं को मनाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि कांग्रेस थिंक टैंक ने स्टेट लीडरशिप को असंतुष्ट और नाराज नेताओं से बातचीत करने के निर्देश दिए थे।
कांग्रेस को भाजपा खेमे में सेंधमारी में बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है। चूरू से भाजपा सांसद रहे राहुल कस्वां ने जरूर कांग्रेस ज्वाइन की है, लेकिन अन्य असंतुष्ट नेताओं को अपने पाले में लाने में अभी तक कांग्रेस को सफलता नहीं मिली।
लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद लालचंद कटारिया, खिलाड़ी लाल बैरवा, महेंद्रजीत सिंह मालवीया, करण सिंह यादव, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, राजेंद्र यादव, अलवर जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर, रामपाल शर्मा, प्रताप पूनिया, सुरेश चौधरी सहित संगठन से जुड़े कई नेताओं ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी।
विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ने वालों में पूर्व सांसद सुभाष महरिया, ज्योति मिर्धा, पूर्व विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा, नंदलाल पूनिया, चंद्रशेखर बैद, राजेंद्र गुढ़ा, पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, सुरेश मिश्रा, पंकज मेहता शामिल हैं। गुढ़ा ने शिवसेना जॉइन की थी।
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