दोपहर को बारिश पूरी तरह थमी। लगातार हुई बारिश से शहर के निचले इलाकों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। बारिश से पुरानी गिन्नाणी आवासीय कॉलोनी में सर्वाधिक पानी भरा है। इससे सटे करीब तीस फीट गहरा सूरसागर पानी से लबालब हो गया। बरसात का पानी दीवार ढहाकर जूनागढ़ किले की खाई में भर गया। वहीं आवासीय क्षेत्र की तरफ की दीवार तोड़कर आए पानी से सूरसागर लबालब हो गया।
नगर निगम रोड, कलक्टरी परिसर, पीबीएम अस्पताल, रेलवे स्टेशन परिसर सहित सरकारी भवनों में भी पानी भर गया है। पुराने शहर में करीब आधा दर्जन बंद पड़े पुराने जर्जर भवनों की दीवारें और छज्जे-छत्त आदि गिर गए। अन्य आवासीय क्षेत्र में भी कई जगह मकानों की दीवारें गिर गई। गनीमत रही कि कहीं भी जनहानि नहीं हुई है। सड़कों पर पानी भरने और घरों में पानी घुसने पर एसडीआरएफ की टीमें नावों की सहायता से लोगों की मदद करने पहुंची।
आषाढ़ गा रहा रिमझिम के तराने
सीकर में आषाढ़ माह में मानसून इस बार जमकर मेहरबान हैं। लगातार एक सप्ताह से कहीं कम तो कहीं ज्यादा बरसात हो रही है। रविवार को भी सीकर, चूरू व झुंझुनूं में बरसात की झड़ी लगी रही। तीन चार वर्ष बाद नदियां फिर से बहने लगी है। छोटे बांध व एनीकट लबालब हो गए हैं। इधर नांगल नाथूसर में तीन वर्ष बाद एनीकट लबालब हो गया। गणेश्वर क्षेत्र में दूसरे दिन भी झरने बहते रहे। नदी- नाले बहते रहे। दांतारामगढ़ में भाजीजा के पास सड़क टूट गई। अजीतगढ़ में केरली के पास बने बांध पर चादर चलने लग गई।
सीकर में आषाढ़ माह में मानसून इस बार जमकर मेहरबान हैं। लगातार एक सप्ताह से कहीं कम तो कहीं ज्यादा बरसात हो रही है। रविवार को भी सीकर, चूरू व झुंझुनूं में बरसात की झड़ी लगी रही। तीन चार वर्ष बाद नदियां फिर से बहने लगी है। छोटे बांध व एनीकट लबालब हो गए हैं। इधर नांगल नाथूसर में तीन वर्ष बाद एनीकट लबालब हो गया। गणेश्वर क्षेत्र में दूसरे दिन भी झरने बहते रहे। नदी- नाले बहते रहे। दांतारामगढ़ में भाजीजा के पास सड़क टूट गई। अजीतगढ़ में केरली के पास बने बांध पर चादर चलने लग गई।
ग्रामीणों का कहना है बांध की दीवार कमजोर है और यह कभी भी टूट सकता है। आसपुरा बांध भी लबालब हो गया है। मण्डूस्या गांव का बांध टूट गया है। इससे खेतों में पानी भर गया। आम रास्ते बंद हो गए। शाम को लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में जमकर बरसात हुई।
मूंडरू के निकट रतनपुरा नदी में करीब तीन वर्ष बाद पानी आया है। पाटन में मकान ढहने से चालीस बकरियों की मौत हो गई। इधर सीकर में रविवार को दिनभर हुई रिमझिम बरसात ने छुट्टी का आनंद दो गुना कर दिया।
झूम के बरसे बदरा, कोटकासिम में 6 इंच बारिश
अलवर में रविवार को बदरा झूम के बरसे। सबसे अधिक बारिश कोटकासिम में 6 इंच रिकॉर्ड की गई। बारिश से कठूमर में एक मकान की दीवार गिरने से एक जने की मौत हो गई। लक्ष्मणगढ़ में भी एक मकान की दीवार ढह गई। बारिश से बांधों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है।
अलवर में रविवार को बदरा झूम के बरसे। सबसे अधिक बारिश कोटकासिम में 6 इंच रिकॉर्ड की गई। बारिश से कठूमर में एक मकान की दीवार गिरने से एक जने की मौत हो गई। लक्ष्मणगढ़ में भी एक मकान की दीवार ढह गई। बारिश से बांधों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है।
सिंचाई विभाग के अनुसार शनिवार शाम 4 बजे से रविवार शाम चार बजे तक कोटकासिम में 146 एमएम, गोविन्दगढ़ में 82 एमएम, तिजारा में 65 एमएम, लक्ष्मणगढ़ में 45 एमएम, कठूमर में 27 एमएम, रामगढ़ में 37, मालाखेड़ा में 25, बानसूर में 32, किशनगढ़बास में 27, टपूकड़ा में 37, अलवर शहर में 7, नीमराणा में 22 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश से तापमान गिर गया।
भोर से सांझ तक मेघों ने गाया मेघ मल्हार
हाड़ौती में रविवार को अलसुबह से शाम तक बारिश का दौर जारी रहा। कोटा शहर में तड़़के से बरसात का दौर शुरू हुआ, जो रात तक भी जारी रहा। रावतभाटा, सांगोद, इटावा सहित अन्य कस्बों में बूंदाबांदी से शुरू हुई बारिश धीरे-धीरे तेज हो गई। इससे सड़कों पर पानी भर गया। लोगों ने छुट्टी का दिन होने से सुहावने मौसम का आनंद लिया। पिकनिक स्पॉटों पर भीड़ रही।
हाड़ौती में रविवार को अलसुबह से शाम तक बारिश का दौर जारी रहा। कोटा शहर में तड़़के से बरसात का दौर शुरू हुआ, जो रात तक भी जारी रहा। रावतभाटा, सांगोद, इटावा सहित अन्य कस्बों में बूंदाबांदी से शुरू हुई बारिश धीरे-धीरे तेज हो गई। इससे सड़कों पर पानी भर गया। लोगों ने छुट्टी का दिन होने से सुहावने मौसम का आनंद लिया। पिकनिक स्पॉटों पर भीड़ रही।
बारां शहर समेत जिले के कई क्षेत्रों में शनिवार रात को भारी बारिश हुई। बारां के आस-पास झमाझम बारिश से बाबजीनगर व आस-पास की बस्तियों में भर गया। झालावाड़ में करीब 45 मिनट झमाझम बरसात हुई। शाम तक रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा।
ये मार्ग बंद रहे
परवन नदी की पुलिया डूबने से बारां-अकलेरा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। कोटा जिले के खातौली क्षेत्र में पार्वती नदी की पुलिया डूबने से श्योपुर मार्ग बंद। वहीं चम्बल नदी पर बनी रपट डूबने से पांच दिन से सवाईमाधोपुर मार्ग बंद है।
परवन नदी की पुलिया डूबने से बारां-अकलेरा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। कोटा जिले के खातौली क्षेत्र में पार्वती नदी की पुलिया डूबने से श्योपुर मार्ग बंद। वहीं चम्बल नदी पर बनी रपट डूबने से पांच दिन से सवाईमाधोपुर मार्ग बंद है।
खाळ की पुलिया से जीप बही
बारां जिले के सारथल कस्बे में रविवार को नाले की पुलिया पार करते समय एक जीप खाळ में बह गई। दोपहर 3 बजे गढ़ के पास स्थित खाळ की पुलिया पर पानी का बहाव था। इस दौरान एक जीप चालक सवारी को छोड़कर पुलिया के दूसरे छोर पर जा रहा था। इस बीच तेज बहाव में जीप पुलिया से उतरकर नाले में बह गई। बाद में जीप चालक व खलासी ने तैर कर अपनी जान बचाई।
बारां जिले के सारथल कस्बे में रविवार को नाले की पुलिया पार करते समय एक जीप खाळ में बह गई। दोपहर 3 बजे गढ़ के पास स्थित खाळ की पुलिया पर पानी का बहाव था। इस दौरान एक जीप चालक सवारी को छोड़कर पुलिया के दूसरे छोर पर जा रहा था। इस बीच तेज बहाव में जीप पुलिया से उतरकर नाले में बह गई। बाद में जीप चालक व खलासी ने तैर कर अपनी जान बचाई।