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वहीं, पिछली कांग्रेस सरकार में जो प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए थे, उनका आवश्यकता के हिसाब से रिव्यू किया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स में यूटिलिटी वर्क्स पूरे किए जाएंगे। सौंदर्यन से जुड़े बेवजह के कार्य नहीं किए जाएंगे। राजधानी के बी2 बाइपास प्रोजेक्ट में भी यही होगा इसके दोनों तरफ बनने वाले मॉन्यूमेंटल गेट नहीं बनेंगे। बैठक में नगरीय विकास विभाग, आवासन मंडल, जेडीए, जयपुर मेट्रो के अधिकारी शामिल हुए।
तो जेडीए निदेशक अशोक चौधरी हटेंगे!
मुख्य सचिव पंत ने बैठक में अभियांत्रिकी निदेशक अशोक चौधरी को कहा- आप यूडीएच सेवा के हैं, इसलिए अब आप यूडीएच संभालिए। पंत के निर्देश के बाद जल्द ही औपचारिक आदेश जारी होंगे। पिछली कांग्रेस सरकार में जेडीए का कैडर स्ट्रेंथ रिव्यू हुआ था। यहां निदेशक अभियांत्रिकी के दो ही पद स्वीकृत हैं और दोनों ही जेडीए सेवा के हैं।
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लोकसभा चुनाव से पहले हो गए उद्घाटन-शिलान्यास
विकास प्राधिकरणों और यूआइटी में लोकार्पण कराए जाने वाले प्रोजेक्ट्स पहले पूरे किए जाएंगे। शिलान्यास कराए जाने वाले कार्यों को भी चिन्हित किया जाएगा ताकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले लोकार्पण और शिलान्यास कराया जा सके।
जनता की शिकायत को हल्के में न लें
[typography_font:14pt;” >सीएस ने प्रदेश में जितने भी डवलपमेंट काम देरी से चल रहे हैं, उनकी डेडलाइन मांगी है। इसी आधार पर अफसरों को तय डेडलाइन के अनुसार काम पूरा करना होगा। सीएस ने साफ कर दिया कि जनता की शिकायत को हल्के में लेना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। शिकायत पर जांच करें और यदि वह सही है तो एक्शन भी नजर आना चाहिए। ऐसा सिस्टम डवलप करें जिससे लोगों को कम से कम कार्यालय के चक्कर काटने पड़े।