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सरकार के तमाम प्रयास गए बेकार, नहीं पहुंचा यूरिया, किसानों की लगी लंबी कतारें

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जयपुरDec 22, 2018 / 09:57 pm

pushpendra shekhawat

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सरकार के तमाम प्रयास गए बेकार, नहीं पहुंचा यूरिया, किसानों की लगी लंबी कतारें

ओमप्रकाश शर्मा / जयपुर। सरकार के तमाम प्रयास के बाद भी खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाई है। एक दिन में 33 हजार मीट्रिक टन यूरिया गांवों तक पहुंचाने का दावा किया गया था, लेकिन शनिवार शाम तक मात्र ग्यारह हजार मीट्रिक टन यूरिया ही पहुंचा है। वहीं प्रदेश के कई क्षेत्रों में खाद लेने के लिए किसानों की लम्बी कतार लग गई। हाडौती क्षेत्र के बारां, इन्द्रगढ आदि स्थानों पर किसान सुबह से ही खाद के लिए कतारें लगाकर खड़े हुए नजर आए। अभी 22 हजार मीट्रिक टन यूरिया ट्रांसपोर्ट में ही अटका है। किसानों की मांग को देखते हुए यूरिया की पांच रैक (प्रति रैक एक हजार मीट्रिक टन) और बुक कराई गई है।
उधर, हाड़ौती में यूरिया की किल्लत को देखते हुए पूर्व मंत्री भरत सिंह खुद ही कोटा स्थित चम्बल फैक्ट्री पहुंच गए। उन्होंने अधिकारियों से स्थानीय आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा है। दो दिन पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर सहकारिता सचिव यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति के लिए दिल्ली गए थे। सरकार ने शनिवार तक 33 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्रदेश के गांवों तक पहुंचने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अधिकतर खाद अभी ट्रांसपोर्ट में ही अटका है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने दावा किय कि इसके अलावा हजीरा पोर्ट से बूंदी, पीपावा पोर्ट से कोटा, मूंदरा पोर्ट से कनकपुरा और लालगढ़ के लिए रैक रवाना की गई है। कांडला से बारां व अन्य जिलों के लिए यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।

प्रदेश में प्रतिदिन 9 हजार मीट्रिक टन
उत्पादन किसानों के लिए यूरिया बाहरी क्षेत्र से मंगाया जा रहा है, लेकिन खास बात यह है कि इसका उत्पादन राजस्थान में भी होता है। सबसे अधिक उत्पादन कोटा में चम्बल फैक्ट्री में होता है। यहां प्रतिदिन करीब आठ हजार मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है। यहां तैयार खाद दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। इसी तरह करीब एक हजार मीट्रिक टन यूरिया प्रतिदिन श्रीराम प्लांट में तैयार हो रहा है। पूर्व मंत्री भरतसिंह शनिवार को चम्बल फैक्ट्री में पहुंच गए। उन्होंने स्थानीय किसानों को यूरिया आपूर्ति के लिए अधिकारियों से बात की है।

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