
राजस्थान सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे ब्यूरोक्रेट्स के साथ अब युवाओं को जोड़ा जाएगा। सरकार जो मुख्यमंत्री फैलोशिप प्रोग्राम ला रही है, उसमें ऐसे 200 युवाओं का चयन किया जाएगा, जिसने दसवीं कक्षा से स्नातक- स्नातकोत्तर तक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की हो और काम में क्रिएटिविटी हो। इनमें से 50 युवाओं को हर कलक्टर के साथ और बाकी 150 को अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव रैंक के अधिकारियों के साथ जोड़ेंगे।
इसके पीछे तर्क है कि सरकार के काम, योजनाओं को किस तरह बेहतर बनाया जा सकता है, उसमें ये युवा आइडिएशन का काम करेंगे। किसी योजना को प्रजेंटेशन करना होगा तो भी इनका सहयोग लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तर पर सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है और अब केवल मुख्यमंत्री की मुहर बाकी है।
खास यह है कि ड्रॉफ्ट में पहले अधिकतम उम्र 35 साल करना प्रस्तावित किया गया था, लेकिन फिर उच्च स्तर पर सहमति बनी कि उन युवाओं को ही जोड़ेंगे, जिनकी उम्र 21 से 30 के बीच हो । ताकि कम उम्र के ज्यादा ऊर्जावान युवाओं को मौका दिया जा सके। शुरुआत में 2 साल तक काम करेंगे और फिर एक साल तक पीरियड और बढ़ाया जा सकेगा। इन्हें प्रतिमाह 40 हजार रुपए स्टाइपेंड देना प्रस्तावित है।
भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की युवा मित्र इंटर्नशिप योजना को ही बंद किया था और अब इसमें परिवर्तन कर मुख्यमंत्री फैलोशिप प्रोग्राम के रूप में शुरू करने जा रही है।
सरकारी योजनाओं की स्टडी करने के बाद प्रचार-प्रसार करना। लाभार्थियों से संवाद भी किया जाएगा। समय-समय पर जो भी प्लानिंग होगी, उसमें भी अपेक्षित युवाओं की भी राय ली जाने का विकल्प भी होगा। हालांकि, उसे मानना या नहीं, यह जरूरी नहीं है।
Published on:
18 Jun 2024 11:08 am
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