उन्होंने कहा एक भारत श्रेष्ठ भारत, ये कश्मीरियत, जम्हूरियत व इंसानियत की जीत है, जिस पर हमें नाज है। मोदी और अमित शाह की ओर से लिया गया यह निर्णय दृढनिश्चयता और भारत को एकसूत्र में पिरोने वाला एक ऐतिहासिक कदम है। इस एतिहासिक फैसले से भारत की गूंज पूरे विश्व में सुनाई देगी।
अब
कश्मीर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। साथ ही शिक्षा एवं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। कश्मीर में आतंकवाद से भी मुक्ति मिलेगी। कर्नल राज्यवर्धन ने इसे राष्ट्रवाद की जीत बताई और कहा यह देशवासियों के वोट की ही ताकत है। जवानों को आज सच्ची श्रद्धांजलि मिली है।
केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के साथ ही इस सीमावर्ती क्षेत्र को दो भागों में बांटने और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश बनाने का कदम उठाया है।
अब जम्मू-कश्मीर अलग तथा लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे।
जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की दिल्ली की तरह अपनी विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। जम्मू-कश्मीर में अब राज्यपाल नहीं होगा, बल्कि वहां का प्रमुख उप राज्यपाल होगा।
इस फैसले के बाद अब राज्य का अलग संविधान और अलग ध्वज नहीं रहेगा।
राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35 ए को निष्प्रभावी कर उसके स्थान पर नया आदेश जारी किया।