गौरतलब है कि सुरजेवाला ने गत 20 जून को ट्वीट कर कहा था कि अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए करोड़ों देशवासियों ने हजारों करोड़ों का चंदा दिया है, लेकिन रावण के चरणों की निगाहें चंदे पर हैं। चारण समाज ने न्यायालय में अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सुरजेवाला ने अपने इस बयान से एक विशेष जाति समुदाय को अपमानित किया है।
इस पर न्यायालय ने कुड़ी थाने में मामला दर्ज कर जांच के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार इससे पहले जून में शेखावाटी चारण सभा ने इस मामले में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और गहलोत सरकार के शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ज्ञापन दिया था।
समाज ने मांग की थी कि सुरजेवाला अपनी इस टिप्पणी को वापस लें। ज्ञापन में कहा था कि सुरजेवाल ने 20 जून को राम जन्मभूमि के चंदे से संबंधित दिए बयान में चारण समाज पर अमर्यादित और अशोभनीय टिप्पणी की है।