चौधरी ने कहा कि राजस्वकर्मी सरकारी जमीन की सुरक्षा एवं उसका समुचित उपयोग सुनिश्चित करें। जमीन जिस रुप में दर्ज है, उसी रुप में उसका उपयोग हो। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किसी भी हाल में बर्दाश्त योग्य नहीं है। राजस्वकर्मी अपने मूल कार्यो पर ध्यान दें तथा धारा 91 के तहत शक्तियों का पूरा उपयोग करें।
बैठक में राजस्व मंत्री ने कहा कि लोगों में विश्वसनीयता कायम करना बड़ी जिम्मेदारी है। देरी से मिला न्याय, न्याय नहीं होता इसीलिए अपनी सोच बदलें। राजस्थान में उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा राजस्व वाद लंबित हैं।
राजस्वकर्मी अपने मूल कार्य प्राथमिकता से करें तथा ऎसी व्यवस्था करें जिससे प्राथमिक स्तर पर कमियां सुधारी जा सके। राजस्व प्रकरणों पर स्टे की प्रक्रिया पर भी विचार करना होगा। नियमों का दुरुपयोग न हो लेकिन धारा 91 में दण्ड का प्रावधान है जिसका उपयोग नहीं कर उसे रिवार्ड बना दिया गया है। विवाद में नहीं पड़ने की मानसिकता भी बदलनी होगी।