लाखों वर्ष पहले अरब प्रायद्वीप के बड़े हिस्से और पश्चिम में ईरान को फारस की खाड़ी की बड़ी जलराशि ने घेर रखा था। धीरे-धीरे पानी वाष्पीकरण से कम हो गया और भारी मात्रा में नमक रह गया। नमक की तलछट वाली परतें धीरे-धीरे मोटी होती गईं और पहाड़ का रूप ले लिया। टेक्टोनिक प्रभाव के कारण तलछटी भूमि ने ऊपर उठकर गुंबद का आकार ले लिया। कई बार इसके टूटने-छिटकने से ग्लेशियर बनते गए। जग्रोस पर्व के दक्षिण में ऐसे 130 से अधिक नमक के विशाल गुंबद हैं। यहीं पर 6.4 किलोमीटर लंबी नमक की गुफा भी है।
ईरान के इस अद्भुत प्राकृतिक अजूबे को यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल करने की कवायद चल रही है। अब ये पर्यटन क्षेत्र भी है। एक नजर
-130 से अधिक नमक के विशाल गुंबद हैं और ग्लेशियर हैं जग्रोस पर्वत शृंखला में
-6.4 किलोमीटर लंबी नमक की गुफा है आकर्षण का केंद्र
-14 किमी लंबी शृंखला उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व तक