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जयपुर

हनुमान बेनीवाल के भाई को टिकट देने पर बोले सतीश पूनिया, ये पहला अवसर नहीं, कई पार्टियां ऐसा करती हैं

सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई को खींवसर से प्रत्याशी बनाने के साथ ही अब परिवारवाद का मुद्दा फिर गर्म हो गया है।

जयपुरSep 27, 2019 / 09:22 pm

Kamlesh Sharma

Satish poonia and hanuman beniwal
उमेश शर्मा/जयपुर। सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई को खींवसर से प्रत्याशी बनाने के साथ ही अब परिवारवाद का मुद्दा फिर गर्म हो गया है। भाजपा हमेशा से ही परिवारवाद और वंशवाद का विरोध करती आई है ऐसे में रालोपा के साथ गठबंधन के बाद बेनीवाल ने अपने छोटे भाई नारायण बेनीवाल को टिकट देकर इस मुद्दे को फिर हवा दे दी है। मगर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने परिवारवाद को लेकर नई थ्योरी बताई है।
पूनिया ने वंशवाद के विरोध करने के बाद भी नारायण बेनीवाल को टिकट देने के मामले में कहा कि ये अकेला देश में अपवाद नहीं है। सभी पार्टियों में वंशवाद के विरुद्ध आवाज उठती है। जो राजनीति में स्थापित लोग है, जिनको जनता चाहती है। ऐसे लोग हमारी पार्टी और दूसरे दलों में भी लड़ते रहे हैं।
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ये पहला अवसर नहीं
पूनिया ने यह भी कहा कि ये पहला अवसर नहीं हैं। हमारा उस वंश से विरोध है जो किसी भी पार्टी में शीर्ष पर बैठा हुआ हैं उनसे विरोध है जो लोग परिवार की पार्टी चला रहे हैं। भाजपा परिवार की पार्टी नहीं है। भाजपा खुद एक परिवार है।
खींवसर के लोगों की डिमांड पर दिया टिकट
उधर हनुमान बेनीवाल ने भाई को टिकट देने के संबंध में कहा कि मैं परिवार के सदस्य को टिकट देने के मूड में नहीं था, मगर खींवसर के लोगों की डिमांड पर टिकट दिया है।
बहरहाल, भाजपा हमेशा से ही कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाती आई है। गाय—बगाय भाजपा नेता मंच से कई बार वंशवाद को लेकर कांग्रेस पर हमला भी बोल चुके है। फिर भी भाजपा में आज ऐसे कई परिवार हैं, जो नई पीढ़ि को राजनीति में ला चुके हैं। ऐसे में अब देखने लायक होगा कि खींवसर में भाजपा—रालोपा गठबंधन के उम्मीदवार को लोग कितना वोट करते हैं।
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