शनिवार को फाल्गुन कृष्ण पक्ष खत्म होगा और रविवार से शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि अमावस्या पर चतुग्र्रही योग होने से इस दिन दान का विशेष महत्व है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष शनिवार के दिन पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, साध्य योग, नाग करण व कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी अमावस्या होगी। एक वर्ष में सभी 12 अमावस्या में शनिश्चरी अमावस्या अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। अमावस्या पर चार ग्रहों की युति रहेगी। इनमें क्रमश: सूर्य, चंद्र, बुध, शुगि कुंभ राशि में रहेंगे। अर्थात शनि की राशि में ही चर्तुग्रही युति योग बनेगा। शनि की प्रसन्नता के लिए जिन जातकों के शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि की महादशा चल रही हैं, वे शनिदेव का तेल से अभिषेक तथा शनि की वस्तुओं का दान करें।