6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

14 को भरेगा शीतला माता का मेला, सोमवार को बनेगा भोजन

बासोड़ा सर्दी से गर्मी का मौसम आने का पर्व है। इस दिन ठंडा या बासी खाने का भोग शीतला माता को लगाया जाता है। अधिकांश घरों में तो इस दिन चूल्हा भी नहीं जलाया जाता। माना जाता है कि ऐसा करने से पूरे वर्ष व्यक्ति निरोगी और स्वस्थ रहता है।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Amit Purohit

Mar 11, 2023

sheetala_mata.jpg

सिरोही/पत्रिका न्यूज नेटवर्क. शीतला सप्तमी चैत्र कृष्ण सप्तमी मंगलवार 14 मार्च को मान्य रहेगी तथा शीतला माता का मेला भी इसी दिन भरेगा। ज्योतिष एवं वास्तुविद् आचार्य प्रदीप दवे एवं शीतला माता पुजारी ओम प्रकाश वैष्णव ने बताया शीतला माता का पूजन 14 मार्च को प्रात: 3.55 से पूरे दिन श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन विदर पेटा में होने से विदर का दोष लागू नहीं होगा। शीतला माता का महाप्रसाद भोग बनाने का शुभ मुहूर्त्त चैत्र कृष्ण षष्ठी रांधण षठ सोमवार 13 मार्च को प्रात: 6.54 से 8.22, 9.51 से 11.19, मध्यान्ह 12.24 से 1.11 व सायं 2.16 से 06.41 तक श्रेष्ठ रहेगा।

शीतला माता को प्रसाद चढ़ाने का धार्मिक आधार:
मान्यता है कि शीतला माता को प्रसन्न रखने से चेचक की बीमारी नहीं होती है। इसलिए चैत्र कृष्णा सप्तमी के दिन शीतला माता का पूजन कर एक या दो दिन पूर्व बना भोजन शीतला माता को भोग लगाकर खाने से शीतला माता प्रसन्न होती है। जिससे वर्ष भर चेचक, फोडे-फुंसी एवं गर्मी जनित बीमारियां नहीं होती है। इसी मान्यता के साथ आज भी लोग ठंडा खाना खाते हैं। घर में दो ईंटें रखकर ओरीमाता छोटी चेचक एवं शीतला माता बडी चेचक का पूजन करने की विशेष परंपरा है।