वकीलों ने कलेक्ट्रेट सर्किल पर बेरिकेड और वाहन सड़क के बीच खड़े कर रास्ते को रोक दिया। दोपहर तक किसी भी तरह की समझाईश या वार्ता सरकार एवं प्रशासन की अधिवक्ताओं से नहीं हुई है। सुबह से प्रदेश के सभी जिलों में वकीलों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। जयपुर कलेक्ट्रेट पर वकीलों का प्रदर्शन अब भी जारी है।
न्यायिक कार्यों का बहिष्कार
वकील शुक्रवार को कोर्ट तो पहुंचे लेकिन उन्होंने न्यायिक कार्य नहीं किए। इसके कारण आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हाईकोर्ट में अवकाशकालीन बैंच के साथ ही निचली अदालतों में भी सुनवाई के साथ ही जमानत के मामले अटक गए। वकील या तो प्रदर्शन में नजर आए या फिर अपनी सीटों पर बैठे रहे। कोर्टरूम में जाकर उन्होंने पैरवी नहीं की। इससे परिवादियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ये है वकीलों की मांग
अधिवक्ताओं ने मांग की है कि दोषी एसडीएम के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाए। सस्पेंड करने के साथ ही गिरफ्तार करने की भी मांग वकीलों ने उठाई है। इसके साथ ही मृत अधिवक्ता के एक परिजन को सरकारी नौकरी के साथ ही मुआवजा भी दिया जाए।
लोग समय पर नहीं पहुंच सके दफ्तर
वकीलों के प्रदर्शन के कारण जयपुर दो हिस्सों में बंट गया। हालात यह हो गए कि कलेक्ट्रेट की ओर से राजापार्क या टोंक रोड आने में दो से तीन घंटे का अतिरिक्त समय लगा। इसके कारण सुबह दफ्तरों में लोग देरी से पहुंचे। जाम में फंसे चांदपोल निवासी राकेश और राजापार्क निवासी त्रिलोक ने बताया कि जाम के कारण इतना परेशान हो गए कि अब पेड़ की छांव में खड़े होकर इंतजार करना ही ठीक लगा।
सुबह 10 बजे शुरू हुआ पोस्टमार्टम और शव को किया रवाना
मौत के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में ही रात को हंसराज का शव रखा गया। इसके बाद सुबह करीब 10 बजे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान मोर्चरी पर भी अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया गया, क्योंकि जगह-जगह पर वकीलों का प्रदर्शन हो रहा था। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात की गई। इस दौरान परिजनों के साथ ही पूर्व विधायक अमराराम भी पहुंचे। करीब दो घंटे चली पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव को पुलिस सुरक्षा के साथ खंडेला रवाना किया गया।