सवाई मानसिंह अस्पताल में 1100 बैड क्षमता के 24 मंजिला और महिला चिकित्सालय में नव स्वीकृत 500 बैड के आईपीडी टावर सहित, हृदय, न्यूरोसाइंस, नैत्र, टोपिकल मेडिसिन संस्थान सहित स्टेट आफ आर्ट सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल को उनकी उपलब्धियों में माना जा रहा है। राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने दावा किया कि अब आरयूएचएस अस्पताल को एक साल में मल्टी स्पेशियलिटी के रूप में विकसित करना उनका उदृदेश्य है। पेश है डॉ.भंडारी से बातचीत…।
सवाल : एसएमएस को क्या विशेष दे पाए ? जवाब : एसएमएस, जेकेलोन, जनाना, महिला सहित अन्य अस्पतालों में आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर, प्री—फैब्रिकेटेड वार्ड, रोबोटिक सुविधा और उपकरणों और संक्रामक रोग अस्पताल का विकास हुआ। बड़ी सुविधाएं एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में लोगों को प्रत्यक्ष नजर आती है। कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को करीब 3 हजार नए बैड की अतिरिक्त सुविधा जल्द मिलेगी।
सवाल : मेडिकल शिक्षा का स्तर सुधरा ? जवाब : एसएमएस देश के चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों में शामिल होने के साथ आठवें स्थान पर है। यहां अधिकतम संख्या में यूजी और पीजी विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते हैं। कॉलेज में पीजी सीटों की संख्या 389 से बढ़ाकर 600 और डीएम—एमसीएच सीटों की संख्या 78 से बढ़ाकर 92 की गई है। 100 यूजी छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण, 10 मंजिला पीजी छात्रावास सहित 5 मंजिला डॉक्टर्स फ्लैट भवन बनाया गया है। कॉलेज में इस दौरान 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए जा चुके हैं।
सवाल : कोविड काल की विशेष उपलब्धि ? जवाब : हमने कोविड के हर रूप का अध्ययन किया। कोविड प्रबंधन और वैरिएंट जांच में हम देश में सबसे आगे रहे। 35 हजार कोविड संक्रमितों का सफल इलाज कर डिस्चार्ज किया। ब्लैक फंगस के केस में हम देश में तीसरे स्थान पर थे, लेकिन सात प्रतिशत के साथ राज्य की मृत्यु दर सबसे कम रही।
सवाल : मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए कोई विशेष उदृदेश्य ?
जवाब : एक साल में आरयूएचएस अस्पताल को एसएमएस की तरह पूरी तरह मल्टी स्पेशियलिटी बनाएंगे।
सवाल : कुछ नियुक्तियों में आरोप भी लगे
जवाब : हमने जो उपलब्धियां हासिल की, उसमें उच्चतम से निचले स्तर तक पूरा सहयोग मिला। सब कार्य प्रक्रिया, नियम और साझा तौर पर होते हैं। जब हम बेहतर करने की कोशिश करते रहते हैं तो ऐसी बातों का जिक्र करने की आवश्यकता भी नहीं होनी चाहिए।