ज्यादातर लाेगाें का कहना है कि आखिर काेर्इ इतना बेरहम कैसे हाे सकता है। खाेलता डामर डालने पर कुत्ता कितना तड़पा हाेगा। किसी ने इसे क्रूरता की हद बताया तो किसी ने लिखा कि उनके पास शब्द ही नहीं है। इस संवेदनहीनता को बयां करने के लिए। फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर पर लोगों ने इस मामले की पोस्ट डालीं हैं, जिन्हें खूब शेयर किया जा रहा है।
अलवर के वीर सपूत को उनके 15 दिन के बेटे ने दी मुखाग्नि, हजारों लोगों ने नम आंखों से दी विदाई मामले में पुलिस ने चार लाेगाें काे अरेस्ट किया है। इनमें कंस्ट्रक्शन कंपनी का सुपरवाइजर रविंद्र सिंह, रोड रोलर ड्राइवर कुलदीप सिंह और दो मजदूर शामिल हैं। यह मामला पुलिस की एक गलती से आैर उलझ गया है। दरअसल पुलिस ने कुत्ते का शव निकालने के बाद उसका पोस्टमार्टम नहीं करवाया। इसके चलते यह पता नहीं चल सकेगा कि कुत्ता पहले से मरा था या सड़क के नीचे आने के बाद मरा।
एक चश्मदीद का कहना है कि जब उसने देखा ताे कुत्ता जिंदा था। दूसरी आेर, गिरफ्तार आरोपियों का कहना है कि कुत्ता पहले से मरा हुआ था। अंधेरे की वजह से ध्यान नहीं गया। हालांकि उन्होंने माना कि उसने गलती हुई है। उनका कहना है कि जब उनकाे कुत्ते के दबे हाेने का पता चला ताे जेसीबी मशीन से उसे निकलवाकर जमीन में गाड़ दिया पोस्टमार्टम नहीं होने की वजह से अब यह पता नहीं चल सकेगा कि वहां कुत्ते का शव पड़ा था या जिंदा कुत्ते पर डामर-गिट्टी डालने से उसकी मौत हुई।