प्रदेशभर के कई ऐसे धार्मिक स्थान जहां पर आने वाले श्रद्धालु गायों और बंदरों के लिए खाने का प्रबंध करते थे वहां पर इन दिनों दर्शनाथियों के नहीं आने पर जानवरों पर संकट आ गया हैं। इनमें सामोद, नई का नाथ, गलता सहित कई धार्मिक स्थान ऐसे है जहां पर लॉकडाउन का असर जनता पर ही नहीं, बल्कि बेसहारा गायों पर भी दिखाई पड़ने लगा है। जहां प्रतिदिन इन धार्मिक स्थलों पर कई श्रद्धालु दर्शन करने के साथ ही बेसहारा गायों को हरा चारा डालते थे। लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद है। ऐसे में चारे के अभाव में खुले में विचरण करने वाले गायों की हालात को देखकर भामाशाह, समाज सेवी आगे आने लगे है। इसी को लेकर समाजसेवी अब भूख से व्याकुल गायों के लिए चारा खरीदकर डलवा रहे है। समाजसेवा करने वालों ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से इनको चारा भी नहीं मिल पा रहा है। चौमूं विधायक रामलाल शर्मा जैसे जनप्रतिनिधि भी जानवरों की भूख मिटाने के लिए सामोद जाकर बंदरों को केले खिला रहे है तो गायों को खुद चारा खिला रहे हैं। ऐसे ही कई समाजसेवी अब जानवरों के लिए आगे आ चुके हैं।
वहीं रामगढ़ बांध पर भूखे बेजुबान बंदरों को कुछ युवा केले खिला रहे हैं। युवक बुद्धिप्रकाश शर्मा ने बताया कि लॉक डाउन हाेने से रामगढ़ बांध पर रहने वाले बेजुबान बंदरों का भूख के मारे हाल बेहाल है। इस पर अब युवाओं ने मिलकर संकल्प लिया कि जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक प्रतिदिन 45 किलो केले बंदरों को खिलाए जाएंगे।