दरअसल, हुआ यूं था कि रितु बराला ने अपने छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन करवाना तय किया था। कार्यक्रम में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और तत्कालीन मंत्री डॉ. रघु शर्मा को भी बुलाया गया। लेकिन, छात्रसंघ के अन्य पदाधिकारियों ने आरोप लगाया था कि अध्यक्ष रितु बराला ने उन्हें कार्यक्रम से दूर रखा। ऐसे में उन छात्रसंघ पदाधिकारियों ने अन्य छात्राओं के साथ मिलकर रितु बराला के कार्यालय उद्धाटन से दूरी बना ली। साथ ही विरोध की चेतावनी भी दे डाली। जब यह सूचना सरकार तक पहुंची कि कार्यक्रम के दौरान छात्राएं उग्र विरोध कर सकती है तो तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत खाचरियावास और रघु शर्मा कार्यक्रम में नहीं पहुंचें। हालांकि अन्य अतिथि कार्यक्रम में पहुंच गए।
इसके बाद जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ तो बीच-बीच में छात्राओं ने नारेबाजी शुरू कर दीे। जैसे ही मंच पर मौजूद अतिथि कार्यालय का फीता काटने के लिए पहुंचे तो कुछ छात्राओं ने अतिथियों के साथ ही तत्कालीन कॉलेज प्रिंसिपल अल्पना कटेजा पर काली स्याही फेंक डाली। जिससे अफरा-तफरी मच गई। इस मामले के बाद कॉलेज में काफी विवाद भी हुआ था।