राजस्थान में दो साल बाद मना जश्न, अरबों रुपए की शराब पी गए लोग
आदेश के अनुसार ब्यूरो टीम द्वारा की गई कार्यवाही के पश्चात जब तक प्रकरण, आरोपी का न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध नहीं हो जाता तब तक आरोपी का नाम, फोटो मीडिया या अन्य किसी व्यक्ति , विभाग में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आरोपी जिस विभाग में कार्यरत है। उसका नाम व आरोपी के पदनाम की सूचना मीडिया में सार्वजनिक नहीं की जाएगी। ब्यूरो की अभिरक्षा में जो भी संदिग्ध या आरोपी है। उसकी सुरक्षा और मानवाधिकार की रक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी ट्रेपकर्ता अधिकारी या अनुसंधान अधिकारी की होगी।
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बता दें , डीजी बीएल सोनी के रिटायरमेंट के बाद डीजी का पद खाली पड़ा था। डीओपी की ओर से आदेश जारी कर आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी को कार्यवाहक डीजी बनाया गया है।