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राजस्थान के इंजीनियरिंग कॉलेजों में रहेगा टोटा, इस साल भी खाली रहेंगी 10 हजार से अधिक सीटें

राजस्थान के इंजीनियरिंग कॉलेजों में राजस्थान इंजीनियरिंग एडमिशन प्रोसेस (रीप) के जरिए होने वाले प्रवेश में छात्र दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

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राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में राजस्थान इंजीनियरिंग एडमिशन प्रोसेस (रीप) के जरिए होने वाले प्रवेश में छात्र दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। प्रक्रिया में लेटलतीफी के कारण छात्र इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आवेेदन तक नहीं कर रहे हैैं। रीप के जरिए वर्तमान में राज्य के 78 इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

27 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन 28 हजार सीटों के लिए महज 18 हजार आवेदन ही आए हैं। कम आवेदन को देखते हुए एक बार फिर तारीख बढ़ाई गई है। अब 17 जुलाई आवेदन करने की तिथि बढ़ाई गई है। ऐसा नहीं है कि छात्रों का रुझान इंजीनियरिंग से कम हो गया हैै। दरअसल, सरकारी सिस्टम में खामी के कारण छात्र इस प्रक्रिया से दूर हो रहे हैं। 12वीं का परिणाम आने के बाद लंबे समय बाद आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है। इस प्रक्रिया से अगस्त तक छात्रों को पता चलेगा कि उनका प्रवेश किस कॉलेज में हुआ है। लंबी प्रक्रिया के चलते छात्रों ने निजी यूनिवर्सिटी में ही प्रवेश ले लिया और पढ़ाई भी शुरू कर दी।

तीन साल में सबसे अधिक आवेदन

78 इंजीनियरिंग कॉलेजों में अभी तक पिछले तीन साल में सबसे अधिक आवेदन आए हैं। हालांकि आवेदन की प्रक्रिया दो दिन और बढ़ाई गई है। लेकिन यह तय है कि कॉलेजों में इस बार भी करीब 10 हजार से सीटें खाली रहेंगी। पिछले पांच साल से तुलना करें तो इस बार अधिकतम करीब 18 हजार आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। इस हिसाब से अभी तक आवेदन पांच साल में सबसे अधिक है।

ऐसे कॉलेज जहां एक भी प्रवेश नहीं होता

राज्य के कई इंजीनियरिंग कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें सेंट्रलाइज एडमिशन प्रक्रिया के तहत एक भी प्रवेश नहीं होता। पिछले साल नाथद्वारा, बीकानेर, जोधपुर के कॉलेज इनमें शामिल हैं। अधिकारियों की मानें तो छात्र प्रवेश के लिए जोधपुर, अजमेर, उदयपुर और कोटा के सरकारी कॉलेजों में प्राथमिकता देते हैं। शिक्षाविदों का कहना है कि यदि समय से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो तो छात्रों को रुझान बढ़ेगा।

यदि प्रक्रिया में देरी हो रही है तो सुधार करेंगे। रीप के तहत होने वाली प्रवेश प्रक्रिया में 12वीं और जेईई परिणाम के बाद शुरू की जाती है। अगले सत्र से खामियों को दूर करेंगे।- डॉ. हरिशंकर मेवाड़ा, कंवीनर, रीप

सरकार को रीप के तहत प्रवेश प्रक्रिया जल्दी शुरू करना चाहिए। सरकारी के साथ निजी कॉलेजों के सामने भी बड़ी समस्या रहती है। जल्दी प्रक्रिया शुरू होने से राजस्थान के साथ दूसरे राज्यों के छात्र इस प्रवेश प्रक्रिया का फायदा उठा सकेंगे।- मोनिका मित्तल, वाइस चेयरपर्सन, इंजीनियरिंग कॉलेज

बाहरी राज्यों के छात्र भी नहीं ले रहे रुचि

राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों के छात्र भी रीप प्रक्रिया के तहत प्रवेश में रुझान नहीं दिखा पा रहे हैं। कॉलेजों में 15 फीसदी कोटा बाहरी राज्यों का होता है, लेकिन ये कोटे की सीटें भी खाली जा रही है। बाहरी राज्यों से आने वाले छात्र भी प्रक्रिया में देरी के कारण निजी यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले रहे हैं।

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