
प्रदेश की यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं पर बहुप्रतिक्षित फैसला आ गया है। 20 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा से जुड़े मामले में समिति की रिपोर्ट के मुताबिक अंतिम वर्ष की परीक्षा ही आयोजित करवाई जाएगी। उच्च शिक्षामंत्री भंवर सिंह भाटी (Higher Education Minister Bhanwar Singh Bhati) ने बताया कि विवि और कॉलेजों के यूजी थर्ड ईयर या फाइनल ईयर और टर्मिनल सेमेस्टर के साथ ही पीजी फाइनल ईयर की परीक्षाएं जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित करवाई जाएंगी। इसके परिणाम 30 सितंबर तक जारी कर दिए जाएंगे।
स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को उनके 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जाएगा। स्नातक द्वितीय वर्ष और पीजी प्रीवियस ईयर विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। कोविड की स्थिति सामान्य होने पर इन विद्यार्थियों की भी परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव या डिस्क्रेप्टिव पैटर्न पर आयोजित करवा कर 31 दिसंबर तक परीक्षा परिणाम जारी किए जाएंगे।
10 जुलाई से ऑनलाइन क्लास शुरू
भाटी ने बताया कि कोविड के कारण फिलहाल ऑफलाइन कक्षाएं नहीं लगाई जाएंगी। उच्च शिक्षण संस्थाओं में 10 जुलाई से ऑनलाइन क्लास शुरू हो जाएंगी। सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड के 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत होगी।
डेढ़ घंटे का होगा पेपर
जिन कोर्सेज, फैकल्टी या विषयों में स्टूडेंट्स की संख्या कम है और विवि के पास प्र्याप्त साधन हैं, उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में करवाई जा सकती हैं। इसी प्रकार व्यावसायिक कोर्स और सेमेस्टर पद्धति के कोर्सेज की परीक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में ही होंगी। उन्होंने बतायाकि प्रश्नपत्रों में यूनिट की बाध्यता हटा दी गई है। परीक्षा भी अब तीन घंटे की जगह डेढ़ घंटे की होगी। एक विषय के दोनों पेपर एक साथ ही आयोजित करवाए जाएंगे यानी हर पेपर को हल करने के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा। इतना ही नहीं पेपर में दिए गए प्रश्नों में से छात्र को 50 फीसदी सवाल हल करने का ऑप्शन दिया जाएगा। कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
संक्रमित विद्यार्थी को मिलेगा विशेष अवसर
उन्होंने बताया िक परीक्षा केंद्रों पर कोविड गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी। कोविड संक्रमित कोई विद्यार्थी यदि परीक्षा में सम्मिलित नहीं होता है तो या अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे परीक्षा देने के लिए अलग से विशेष अवसर दिया जाएगा। विवि और कॉलेजों में स्टूडेंट्स के साथ शिक्षकों और कार्मिकों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
यूजीसी से नहीं मिले निर्देश
भाटी ने बताया कि परीक्षा को लेकर सरकार ने यूजीसी को भी पत्र लिखा था और दिशा निर्देश मांंगे थे लेकिन वहां से अब तक कोई जवाब नहीं मिला ऐसे में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और यूजीसी की गतवर्ष की गाइडलाइन को ही आधार बनाते हुए परीक्षाओं को लेकर यह निर्णय लिए हैं। यदि अब यूजीसी की ओर से कुछ अन्य निर्देश सरकार को प्राप्त होते हैं तो हम उनकी पालना करेंगे। गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की परीक्षाओं को लेकर सरकार ने छह सदस्यों की कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिशों को आधार बनाते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
Updated on:
04 Jul 2021 10:16 pm
Published on:
04 Jul 2021 10:11 pm
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