फसल प्रदर्शनों तथा मिनिकिट वितरण की होगी जिओ टेगिंग
किसानों के कल्याण और सहायता के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दावे तो कई किए जाते हैं। लेकिन, वास्तविकता में यह सहायता उन तक पहुंचती है या नहीं, अब इसका पता एक क्लिक पर चल जाएगा।
transparency in agriculture
कृषि विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले फसल प्रदर्शनों तथा मिनिकिट वितरण को ज्यादा पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने के लिए जिओ टेगिंग कराई जाएगी। इसके लिए बुधवार को जयपुर में दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के सभागार में केन्द्र सरकार के प्रशिक्षकों ने प्रदेशभर के कृषि अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।
केन्द्र सरकार के निर्देश के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘कृषि किसानÓ मोबाइल एप के माध्यम से जिओ टेगिंग किया जाना है। इसके तहत फसल बुवाई, मिड सीजन एवं कटाई से पहले की अवस्था की फोटो अपलोड करनी होगी। इसके बाद ही इसे वैध माना जाएगा।
पारदर्शिता बढ़ेगी, सुलभ होगी सूचना
इससे फसल प्रदर्शन तथा मिनिकिट वितरण की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी और रियल टाइम लोकेशन तथा वास्तविक लाभार्थी का पता चल सकेगा। साथ ही, वेबसाइट पर ऑनलाइन सूचना उपलब्ध रहेगी। इससे कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान की स्थिति देख सकेगा।
केंद्र की ओर से मिलते मिनिकिट
कार्यशाला में अधिकारियों ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राज्य योजना के तहत और तिलहन और तेल पाम राष्ट्रीय मिशन (एनएमओओपी) के तहत खरीफ एवं रबी फसलों के प्रदर्शन तथा मिनिकिट वितरण किए जाते हैं।
इनको मिला प्रशिक्षण
कार्यशाला में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. डी.पी. सिंह एवं केन्द्र सरकार के अन्य प्रशिक्षकों ने कृषि विभाग के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् से जुड़ी संस्थाओं के अधिकारी-वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रक्रिया को समझाया
उन्होंने अधिकारियों को मोबाइल एप के प्रयोग, जियो टेगिंग की प्रक्रिया एवं बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। यह प्रशिक्षित अधिकारी-कार्मिक अपने अधीनस्थ कार्यक्षेत्र के विस्तार कर्मियों को मोबाइल एप के प्रयोग की जानकारी देंगे जो फील्ड में जियो टेगिंग के कार्य को संपादित करेंगे।
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