वन्य जीव प्रेमियों में रोष
गोडावण की डीएनपी एरिया में ही मौत के मामले को लेकर वन्य जीव प्रेमियों में काफी गुस्सा है। राधेश्याम पेमानी ने कहा कि स्वच्छंद श्वानों द्वारा धड़ल्ले से दुर्लभ जीवों और पक्षियों का शिकार किया जा रहा है। वहीं डीएनपी के डीएफओ आशीष व्यास का कहना है कि मौके पर ऐसे कोई निशान नहीं मिले हैं जिससे यह साबित होता हो कि श्वानों ने ही गोडावण का शिकार किया है। शिकारी जंगली बिल्ली, लोमड़ी या और कोई जंगली जीव हो सकता है। वैसे इसकी जेनेटिक लैब से जांच करवाई जाएगी। गौरतलब है कि जैसलमेर में गोडावण की अंतिम बार गणना 2018 में हुई थी। उस समय की गणना के अनुसार करीब 128 गोडावण थे। जिनमें 15 कम या ज्यादा हो सकते हैं। इनमें 29 गोडावण ब्रीडिंग सेंटर रामदेवरा और सम में है। अभी तक हुए हादसों में करीब 9 गोडावण की अब तक करंट आदि से मौत हो चुकी है।