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जैसलमेर

गत वर्ष बारिश ने दिया था 20 करोड़ का घाटा, अब गर्मी भरेगी झोली

47-48 डिग्री में उबलती मरुधरा में इस बार पर्यटन की झोली में 20 करोड़ जाने वाले हैं। टेस्ट ड्राइव के लिए विभिन्न कंपनियों के वाहन आने से यह सुखद स्थिति बनी है। यूं तो इन दिनों पर्यटन की ऑफ सीजन है, लेकिन यह प्रतिकूल मौसम टेस्ट ड्राइव टूरिज्म के लिहाज से बेहतर माना जाता है।

जैसलमेरMay 30, 2024 / 09:03 pm

Deepak Vyas

jaisalmer car
47-48 डिग्री में उबलती मरुधरा में इस बार पर्यटन की झोली में 20 करोड़ जाने वाले हैं। टेस्ट ड्राइव के लिए विभिन्न कंपनियों के वाहन आने से यह सुखद स्थिति बनी है। यूं तो इन दिनों पर्यटन की ऑफ सीजन है, लेकिन यह प्रतिकूल मौसम टेस्ट ड्राइव टूरिज्म के लिहाज से बेहतर माना जाता है। गौरतलब है कि गत वर्ष बारिश के मौसम होने से जैसलमेर जिले में गर्मी अपेक्षा के अनुरूप नहीं पड़ी। बारिश के मौसम में देश की नामी -गिरामी कंपनियों को वाहनों के परीक्षण के लिए जैसलमेर आने से रोक दिया था। पर्यटन विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे में इस बार जैसलमेर को तब 20 करोड़ का घाटा हुआ था। अब भीषण गर्मी के मौसम में नामी-गिरामी कंपनियों के वाहन टेस्ट ड्राइव के लिए पहुंच रहे हैं। वाहन कंपनियां किसी भी वाहन को बाजार में उतारने से पहले उसकी क्षमताओं की अच्छी तरह जांच-परख करना चाहती है।

मई से जुलाई का महीना खास

मई से लेकर जुलाई तक के महीनों में नामी गिरामी कम्पनियों के वाहनों की क्षमता की जांच उबलते धोरों के बीच की जाती है। गौरतलब है कि जैसलमेर में एक दर्जन से अधिक वाहन निर्माता कम्पनियों के लिए सरहदी जैसलमेर की भीषण गर्मी व भौगोगिक परिस्थतिया बाजार में लांच किए जाने वाले वाहन टेस्टिंग का के लिए काफी मायने रखती है।

क्षमता जांच का ठौर

-भीषण गर्मी में 300 से अधिक इंजीनियर्स और अन्य तकनीशियन विभिन्न कम्पनियों के वाहनों को जांचने-परखने यहां आते हैं।
-ऑटोमोबाइल कम्पनियां भीषण गर्मी, जो अमूमन ऑफ सीजन का समय माना जाता है, यहां ठौर बना देती है।
-मालवाहक ट्रक, एसयूवीए कार, टैम्पो और तिपहिया ऑटो रिक्शा जैसे वाहनों की ताकत व क्षमता का परीक्षण मई से जुलाई तक किया जाता है।
-प्रत्यक्ष तौर पर होटल और अन्य पर्यटन व्यवसायियों को इसके कारण रोजगार मिलता है।
  • टेस्ट ड्राइव और वाहनों की शूटिंग भी टेस्ट ड्राइव के साथ-साथ जैसलमेर मे वाहनों की एड शूटिंग का कार्य भी इस मौसम में अधिक होने की उम्मीद लगाई जा रही है। टेस्ट ड्राइव के लिए वाहनों के साथ इंजीनियर्स और अन्य तकनीशियनों की भी यहां आवक बनी हुई है।

आखिर जैसाण ही क्यों ?

-टेस्टिंग के दौरान सामने आने वाली छोटी-बड़ी कमियों को दुरुस्त कर बाजार में उतारा जाता है।
-कंपनियां टेस्टिंग के दौरान सामने आ रही कमियों का पता लगाने के लिए उन्हें देश के विभिन्न जलवायु वाले क्षेत्रों में टेस्ट ड्राइव के लिए भिजवाती हैं।
-यहां की विषय भौगोलिक परिस्थितियां वाहनों के इंजन के दम का परीक्षण, माइलेज, आरामदायक बैठक व्यवस्था, माल ढोने की क्षमता सहित कई पहलुओं की जांच करती है।

-अलग.अलग परिस्थितियों में वाहनों को कम से कम 10 से 20 हजार किलोमीटर तक चलाया जाता है

एक्सपर्ट व्यू: टूरिज्म की नई संकल्पना का साकार रूप

पर्यटन व्यवसायी मेघराज परिहार बताते हैं कि टेस्ट ड्राइव टूरिज्म अब जैसलमेर के टूरिज्म में नई संकल्पना को साकार रूप दे रहा है। वाहनों की टेस्टिंग के लिए जैसलमेर का चयन गत वर्षों के दौरान लेह-लद्दाख और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों की तरह हो रहा है। जैसलमेर में वाहनों से जुड़ी गतिविधियों के संचालन से ऑफ सीजन में भी पर्यटन व्यवसाय को भी सहारा मिल रहा है। सरहदी जिले का दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र वाहनों की टेस्टिंग के लिए पंसद किया जाता है।

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