scriptVideo: बुजुर्ग किले का आकर्षण होगा जवां, सोनार दुर्ग को सुदृढ़ करने के लिए जगे जिम्मेदार | Responsible for strengthening Sonar Fort jaisalmer accident on fort | Patrika News
जैसलमेर

Video: बुजुर्ग किले का आकर्षण होगा जवां, सोनार दुर्ग को सुदृढ़ करने के लिए जगे जिम्मेदार

सैकड़ों साल प्राचीन सोनार दुर्ग के परकोटे की शिव मार्ग से सटी दीवार के पुनर्निर्माण की कवायद की जा रही है। भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग की तरफ से करवाए जा रहे इस कार्य से परकोटे की पुरानी और अत्यधिक मिट्टी व अन्य पत्थरों आदि के दबाव से दरक रही दीवार को जैसलमेरी पत्थरों से नया बनाया जा रहा है। इसके लिए वही तकनीक काम में ली जा रही है जिससे यह सोनार दुर्ग पूर्व में बनाया गया था।

जैसलमेरMar 28, 2024 / 05:32 pm

Deepak Vyas

बुजुर्ग किले का आकर्षण होगा जवां, सोनार दुर्ग को सुदृढ़ करने के लिए जगे जिम्मेदार

बुजुर्ग किले का आकर्षण होगा जवां, सोनार दुर्ग को सुदृढ़ करने के लिए जगे जिम्मेदार

सैकड़ों साल प्राचीन सोनार दुर्ग के परकोटे की शिव मार्ग से सटी दीवार के पुनर्निर्माण की कवायद की जा रही है। भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग की तरफ से करवाए जा रहे इस कार्य से परकोटे की पुरानी और अत्यधिक मिट्टी व अन्य पत्थरों आदि के दबाव से दरक रही दीवार को जैसलमेरी पत्थरों से नया बनाया जा रहा है। इसके लिए वही तकनीक काम में ली जा रही है जिससे यह सोनार दुर्ग पूर्व में बनाया गया था। इस कार्य से दीवार को न केवल मजबूती दी जा रही है बल्कि इससे दुर्ग के बाहरी क्षेत्र की खूबसूरती में भी इजाफा होगा। हालांकि आज भी सोनार दुर्ग के परकोटे का करीब 200 मीटर का हिस्सा पुराना हो चुका है और कहीं-कहीं पर पत्थर बाहर आते प्रतीत होते हैं। यदि कभी ऐसा हुआ तो पूर्व में हुए हादसों की पुनरावृत्ति होने से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि विभाग के सूत्रों ने बताया कि टुकड़ों-टुकड़ों में शेष बची दीवार के नवनिर्माण का कार्य भी करवाया जाएगा। एएसआई जैसलमेर के मुकेश मीणा के अनुसार फिलहाल शिव मार्ग के 20 मीटर परकोटे की दीवार को दुरुस्त करवाने का कार्य प्रगति पर है। आने वाले समय में शेष बचे कार्य को भी पूरा करवाया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर दुर्ग के बाहरी हिस्से की इस दीवार की कमजोरी के मुद्दे को लगातार जिम्मेदारों के सामने पुरजोर ढंग से उठाया था। जिसके बाद विभाग हरकत में आया है।

जानलेवा हुआ था हादसा

सोनार दुर्ग के परकोटे की दीवारें दरकने और उनके ध्वस्त होने की कई घटनाएं अब तक सामने आई हैं। इनमें सबसे भयावह घटना 1997 में हुई थी। तब शाम के समय गोपा चौक में आई परकोटे की दीवार एकदम से धराशायी हो गई थी और दीवार में चुने हुए भारी-भारी पत्थरों व मलबे में दब कर 6 जनों की जान गई थी। जिससे कोहराम मच गया था। बाद में इस क्षेत्र की दीवार को पुन: बनाया गया। ऐसी ही एक घटना बरसाती सीजन में गोपा चौक से सटी दीवार का एक हिस्सा ध्वस्त होने से हुआ। संयोगवश वह हादसा तडक़े हुआ, तब उसके नीचे कोई नहीं था। बाद में साल 2016 में भी गोपा चौक पुलिस चौकी के सामने किले की दीवार के पुनर्निर्माण के समय हुआ। तब भी मजदूर सावचेत थे, लिहाजा कोई इसका शिकार नहीं बना।

खतरे का बड़ा सबब

स्वर्णनगरी के हृदय स्थल गोपा चौक से शिव मार्ग तक और सोनार दुर्ग के परकोटे दीवार के अन्य हिस्सों पर कई जगह दीवार क्षतिग्रस्त और वक्त के थपेड़ों से कमजोर हो चुकी है। तेज अंधड़, तूफान, अतिवृष्टि या फिर भूकम्प के झटके से दीवार ढहने की आशंका बनी रहती है। कहीं-कहीं पर तो पत्थर इतने बाहर निकल चुके हंै कि वाहन चालक या राहगीर या फिर आसपास रहने वाले लोग व दुकानदारों की जिंदगी पर खतरा बना हुआ है। दरअसल विगत वर्षों में बारिश के बढ़ते दौर और भूकम्प के झटकों ने दुर्ग को कमजोर किया है। जल-मल की माकूल निकासी न होने से स्थिति और विकट हो गई है। दुर्ग के परकोटे की दीवार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। जिससे पुराना हिस्सा जगह छोड़ता दिखता है। अब पुरातत्व विभाग इसे जितनी जल्द नया करवाए, उतना ही इस दुर्ग की सेहत व आमजन की सुरक्षा के लिए बेहतर है।

फैक्ट फाइल –

– 867 वर्ष पुराना है सोनार दुर्ग

– 99 बुर्ज बने हैं रियासतकालीन सोनार दुर्ग में

– 400 परिवार लगभग दुर्ग में निवासरत

– 1993 से यहां निर्माण कार्य पर लगी है रोक

– 02 वार्ड में विभक्त है ऐतिहासिक सोनार किला

 

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