scriptपटरियों पर फिर टूटी सांसों की डोर, रेल की चपेट में आने से तीन गायों की मौत | Three cows died after being hit by a train | Patrika News
जैसलमेर

पटरियों पर फिर टूटी सांसों की डोर, रेल की चपेट में आने से तीन गायों की मौत

पटरियों पर फिर टूटी सांसों की डोर, रेल की चपेट में आने से तीन गायों की मौत

जैसलमेरJan 27, 2024 / 08:16 pm

Deepak Vyas

पटरियों पर फिर टूटी सांसों की डोर, रेल की चपेट में आने से तीन गायों की मौत

पटरियों पर फिर टूटी सांसों की डोर, रेल की चपेट में आने से तीन गायों की मौत

लाठी क्षेत्र में आए दिन रेल की चपेट में आने से मवेशी काल का ग्रास बन रहे हैं। शुक्रवार को भी सोढ़ाकोर-लाठी के बीच रेलवे ट्रेक पर रेल की चपेट में आने से एक साथ तीन गायों की मौत हो गई, जबकि एक गाय गंभीर रूप से घायल हो गई। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह गायों का झुंड सोढ़ाकोर-लाठी के बीच रेलवे ट्रेक के आसपास विचरण कर रहा था। इस दौरान एक रेल यहां पहुंच गई। जिसकी आवाज सुनकर गायें इधर उधर भागने लगी। इस दौरान चार गायें रेल की चपेट में आ गई और तीन गायों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में एक गाय गंभीर रूप से घायल हो गई। यहां से गुजर रहे रेलवे कार्मिकों ने क्षेत्र के ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। जिस पर गौरीशंकर पूनिया सहित ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृत गायों को रेलवे ट्रेक से दूर किया और घायल गाय का उपचार करवाने के लिए भादरिया गोशाला भेज दिया।

पहले भी हो चुके हादसे- 14 जुलाई 2023 को एक ऊंट व एक गर्भवती ऊंटनी की मौत

– 10 जुलाई 2021 को 4 ऊंटों की मौत

– 24 अगस्त को 9 ऊंटों की मौत

– 28 जून 2022 को 2 गायों की मौत

– 30 मई 2022 को 3 बकरियों की मौत, 1 बकरी घायल

नहीं है सुरक्षा के प्रबंध

लाठी सहित आसपास का क्षेत्र पशु बाहुल्य है। यहां के ग्रामीण कृषि कार्य के साथ पशुपालन भी करते है। पोकरण-जैसलमेर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 पर कुछ गांवों के उत्तर तो कुछ गांवों के दक्षिण दिशा से रेलवे ट्रेक निकलता है। इन पटरियों के आसपास सूनसान जंगल में घास व चारा उपलब्ध होने से मवेशी यहीं चरने के लिए पहुंचते है। ऐसे में कई बार रेल के आने पर आवाज सुनकर हड़बड़ी में मवेशी रेल की चपेट में आकर काल का ग्रास हो जाते है। पूर्व में ऐसे कई हादसे होने के बावजूद जिम्मेदारों की ओर से उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने, रेलवे ट्रेक के आसपास सुरक्षा जाली लगाने आदि को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है।

बढ़ रहा है रोष

रेल की चपेट में आने से आए दिन हादसे हो रहे है। जिससे वन्यजीवप्रेमियों, ग्रामीणों व पशुपालकों में रोष है। कई बार जिम्मेदारों को अवगत भी करवाया है, लेकिन सुरक्षा के प्रबंध नहीं किए जा रहे है।

– गौरीशंकर पूनिया, तहसील संयोजक अखिल भारतीय विश्नोई सभा, पोकरण

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