पार्क का लोकार्पण हुआ, प्रतिमा का नहीं
- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के जनप्रतिनिधियों ने नेहरू पार्क में करवाए गए सौन्दर्यकरण व विकास कार्यों का तो लोकार्पण किया लेकिन पं. नेहरू की प्रतिमा को कपड़े की कैद से बाहर निकालने की जहमत नहीं उठाई गई।
- लम्बे अर्से तक यह पार्क उपेक्षित रहा था और यहां कूड़े-करकट के ढेर व झाड़-झंखाड़ के साथ कई तरह के कब्जेे भी हो गए थे।
-वर्तमान बोर्ड से पहले के भाजपा शासित नगरपरिषद बोर्ड ने इसके कायाकल्प को मंजूरी दी और वर्तमान बोर्ड के कार्यकाल में यह पार्क पूरी तरह से विकसित हुआ। - करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से सजाए-संवारे गए नेहरू पार्क में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की आदमकद प्रतिमा भी स्थापित की गई।
- पार्क में सुकून के पल बिताने और पैदल भ्रमण करने के लिए पहुंचने वाले लोग भी प्रतिमा को ढकी देखकर चकित रह जाते हैं।
- लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं और आदर्श आचार संहिता भी हट गई है, अब नेहरू प्रतिमा को अपने अनावरण का एक बार फिर इंतजार है।
नेहरू पार्क के मुख्य द्वार व उसके आसपास खाने-पीने के सामान के ठेलों की इफरात के कारण द्वार बंद ही रखा जाता है। पार्क में जाने वालों को रैन बसेरे के पास से बने दूसरे द्वार से जाना होता है लेकिन कई अनजान लोगों को दूसरे रास्ते की जानकारी नहीं होने के कारण अपेक्षित संख्या में लोग नेहरू पार्क में भ्रमण अथवा शांति के पल बिताने नहीं पहुंच पा रहे हैं। विभिन्न प्रकार के नाश्तों के ठेलों की वजह से सुंदर पार्क के मुख्य द्वार पर साफ-सफाई का भी अभाव बना हुआ है। यहां किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं होने के चलते ठेलों की तादाद लगातार बढ़ती ही चली गई है।
अब और देरी नहीं होगी
नेहरू पार्क में स्थापित पं. जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा के अनावरण में कई कारणों से देरी हुई है। बीच में विधानसभा और हाल में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी एक प्रमुख कारण रहा। अब यह कार्य शीघ्रता से करवाने का प्रयास किया जाएगा। - हरिवल्लभ कल्ला, सभापति, नगरपरिषद जैसलमेर