scriptRaksha Bandhan 2021: ‘लंका मीनार’ पर भाई-बहन गए साथ तो बन जाएंगे पति-पत्नी, जानिए क्या है यहां की मान्यता | Lanka Minar Kalpi brother sister will become husband wife on visit | Patrika News
जालौन

Raksha Bandhan 2021: ‘लंका मीनार’ पर भाई-बहन गए साथ तो बन जाएंगे पति-पत्नी, जानिए क्या है यहां की मान्यता

-प्रेमी जोड़े एक साथ जाते हैं मीनार की ऊपरी चोटी पर, जिनके वैवाहिक जीवन में खटपट वे भी लगाते हैं चक्कर.

जालौनAug 21, 2021 / 01:46 pm

Abhishek Gupta

Lanka Minar

Lanka Minar

जालौन. यूपी विचित्र मान्यताओं और टोन-टोटकों से भरा प्रदेश है। यहां तमाम अंधविश्वास हैं जिसे आज भी लोग मानते हैं। जालौन के कालपी (Jalaun Kalpi) में एक मंदिर है जिसका नाम है ‘लंका मीनार’ (Lanka Minar)। यह मंदिर रावण को समर्पित है। दिल्ली के कुतुबमीनार के बाद यह देश की सबसे ऊंची मीनार है। 1857 में बनी इस मीनार की ऊंचाई 210 फीट है। तब इसके निर्माण पर 1 लाख 75 हजार रुपए का खर्च आया था। यह 20 साल में बनकर तैयार हुई थी। इस मीनार का वास्तुशिल्प इस तरह से है कि मीनार की चोटी पर जाने के लिए सात परिक्रमाएं पूरी करनी पड़ती हैं। हिंदू धर्म में सात परिक्रमाओं का संबंध पति-पत्नी के सात फेरों से है। इसीलिए यदि भाई-बहन एक साथ मीनार में ऊपर तक जाते हैं तो उन्हें 7 फेरों से गुजरना पड़ता है। मान्यता है कि इस मीनार के फेरे के बाद वह पति-पत्नी की तरह हो जाते हैं। इसीलिए यहां भाई-बहनों के एक साथ आने पर रोक है।
रावण को समर्पित लंका मीनार-
अपनी अद्भुत धार्मिक मान्यता की वजह से कालपी का लंका मीनार मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। लंका मीनार को नगर के मोहल्ला रावगंज के मथुरा प्रसाद निगम उर्फ लंकेश ने बहुत पहले बनवाया था। वे रामलीला में रावण का किरदार निभाते थे। और रावण से इतने प्रेरित थे कि लंका मीनार बनवा डाली। भाई-बहन के एक साथ मीनार पर न चढऩे की जानकारी भी लंका मीनार के बाहर लिखी है। हालांकि, यह बात कहीं इतिहास में दर्ज नही है। यह केवल किवदंती है। फिर भी इस अंधविश्वास का स्थानीय लोग वर्षों से पालन करते आ रहे हैं।
ये भी पढ़ें- कानपुर में तैयार हो रहा है देश का सबसे ऊंचा निर्माण, 2022 में होगा लोकार्पण

lankaminar3.jpg
लंका मीनार में रावण का पूरा परिवार-
लंका मीनार मंदिर परिसर में रावण के पूरे परिवार की मूर्तियां स्थापित हैं। रामचरित मानस के अयोध्याकांड में जितने भी देवी-देवताओं का वर्णन है उनके चित्र लंका मीनार में बने हैं। सौ फीट के कुंभकर्ण और 65 फीट ऊंचे मेघनाद की प्रतिमाएं हैं। जबकि, रावण की विशाल प्रतिमा के सामने चित्रगुप्त मंदिर है। मीनार परिसर में एक शिव मंदिर भी है, जिसे इस तरह बनवाया गया कि रावण को हर पल भोलेनाथ के दर्शन होते रहें। यहां से 12 माह, 24 घंटे रावण की दृष्टि शिवलिंग पर पड़ती है। यहां 180 फीट लंबी नाग देवता की मूर्ति भी स्थापित है। यह मूर्ति नागिन गेट पर बनाई गई है।
lankaminar2.jpg
अजीम कारीगर ने बनाया लंका मीनार-
जनश्रुति है कि एक मुस्लिम कारीगर अजीम लंका मीनार का वास्तुकार था। उसी की देखरेख में 20 सालों में इस मीनार का निर्माण कार्य हुआ था। मंदिर कौड़ी, केशर, शीप, दाल, गुड़ और चूने आदि के मिश्रण से बनाया गया। तब इसी तरह के मसाले से मंदिर और कुंए बनते थे। अपनी इस अजीब मान्यता के चलते लंका मीनार आज एक टूरिस्ट स्पॉट बन चुकी है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
lankaminar1.jpg
प्रेमी जोड़े आते हैं चक्कर लगाने-
नवविवाहित जोड़े यहां अक्सर आते हैं और अपने वैवाहिक जीवन को और मजबूत करने करने के लिए मीनार के फेरे लगाते हैं। मान्यता है कि जिनके वैवाहिक जीवन में कुछ खटपट चल रही है वे लंका मीनार का फेरे लगा लें तो वैवाहिक जीवन में फिर से उत्साह भर जाता है। मनमुटाव दूर हो जाता है। इसके अलावा प्रेमी जोड़े भी अक्सर मीनार का चक्कर लगाने यहां आते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो