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जालोर

10 प्रतिशत आरक्षण के नियमों की विसंगतियों को दूर करने की मांग

जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों को अनारक्षित वर्ग हेतु घोषित 10 प्रतिशत आरक्षण के नियमों की विसंगतियों को दूर करते हुए आरक्षण की प्रकिया को जल्दी प्रारंभ करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया।

जालोरMar 12, 2019 / 12:38 pm

Jitesh kumar Rawal

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10 प्रतिशत आरक्षण के नियमों की विसंगतियों को दूर करने की मांग

जालोर. जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों को अनारक्षित वर्ग हेतु घोषित 10 प्रतिशत आरक्षण के नियमों की विसंगतियों को दूर करते हुए आरक्षण की प्रकिया को जल्दी प्रारंभ करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। क्षात्र पुरूषार्थ फाउण्डेशन के प्रतिनिधि मंडल ने उपखण्ड अधिकारी को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश संयोजक यशवर्धनसिह झेरली द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपते हुए पांच एकड से कम जमीन, शहरी क्षेत्र मे 100गज व ग्रामीण क्षेत्र मे 200 गज से कम भूखण्ड आदि की शर्तों को हटाने की मांग की है। राजस्थान प्रदेश सरकार से क्षात्र पुरूषार्थ फाउण्डेशन ने सामाजिक न्याय की अवधारणा को ध्यान मे रखकर अव्यवहारिक नियमों को संशोधित करने की मांग के साथ हाल ही मे गुजरात राज्य द्वारा पारित बिल की तर्ज पर किसी भी स्त्रोत से आय को ही मुख्य आधार बनाना सभी के लिए हितकर बताया। प्रतिनिधिमंडल के रूप मे जितेन्द्रसिह अगवरी, कृष्णपालसिह राखी, वीरबहादूरसिंह असाडा सहित सामान्य वर्ग के कई लोग उपस्थित रहें। प्रांत प्रमुख गणपतसिंह भंवरानी ने बताया कि क्षात्र पुरूषार्थ फाउण्डेशन द्वारा सोमवार को प्रदेश संयोजक के निर्णय अनुसार जालोर-सिरोही के सभी उपखण्ड अधिकारी मुख्यालयों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम सभी उपखण्ड अधिकारियों को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में 10प्रतिशत आरक्षण की विसंगतियों को दूर करते हुए सरकार से शासनादेश निकाल कर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू करवाने व चालू भर्तियों मे इसे लागू करने की मांग की गई।
भीनमाल. क्षात्र पुरुषार्थ फाउण्डेशन के तत्वावधान में लोगों ने सोमवार को आर्थिक पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण को लागू करने व आरक्षण के नियमों की विसंगतियों को दूर करने की मांग करते हुए उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि सरकार की ओर से 19 फरवरी को अनारक्षित व आर्थिक पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर आदेश जारी किए गए, लेकिन आदेश के बावजूद अभी तक इसकी प्रकिया आरंभ नहीं की गई है। आर्थिक रूप से पिछड़े आवेदकों ने आवेदन भी किए, लेकिन उन्हे प्रमाण पत्र नहीं दिए जा रहे है। जबकि इसके साथ विशेष पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण के प्रमाण पत्र दिए जा रहे है। ऐसे में 10 प्रतिशत आरक्षण की श्रेणी में आने वाले अभ्यर्थियों को चालु भर्तियों में लाभ नहीं मिल पा रहा है। ज्ञापन में बताया कि आर्थिक पिछड़े वर्ग को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के नियमों में विसंगतियां है। आरक्षण का लाभ लेने वाले प्रार्थी के पास 5 एकड़ जमीन, शहरी क्षेत्र में 100 गज व ग्रामीण क्षेत्र में 200 गज का भूखण्ड होने जैसी शर्ते हंै। ज्ञापन में बताया कि राजस्थान में मरूस्थली जमीन होने से यह जमीन कम उपजाऊ है। इससे पानी की कमी होने से जमीन पर खेती की आय न के बराबर हो पाती है। इसलिए जमीन की बजाय आय के स्त्रोत के आधार पर आरक्षण को लागू किया जाए। उन्होंने ज्ञापन सौंपकर आर्थिक पिछड़े वर्ग के प्रमाण पत्र जारी कर चालू भर्तियों में लाभ देने व आर्थिक पिछड़े वर्ग के आरक्षण के नियमों में गुजरात राज्य की तरह अर्जित 8 लाख की आय को आधार बनाकर आरक्षण को लागू करने की मांग की। इस मौके पर गंगासिंह सांपणी, एडवोकेट ईश्वरसिंह पांचला, रेवतसिंह राऊता, भूपेन्द्रसिंह दूदिया, भोपालसिंह झालोड़ा, गजेसिंह कावतरा, वीरेन्द्रसिंह दूदिया, भैरूपालसिंह दासपां, भूपेन्द्रसिंह बेडल, हरीशचंद्रसिंह पूनक, प्रवीणसिंह करड़ा, मिठुसिंह तालियाना, चंदनसिंह कावतरा, शिवमंगलसिंह दासपां, उत्तमसिंह भाटी, जितेन्द्रसिंह मोदरा, गुलाबसिंह वणधर, रघुनाथसिंह भाटी, करणसिंह बांकली, राजूसिंह भाटी सहित कई लोग मौजूद थे।
रानीवाड़ा. केंद्र सरकार के लागू किए गए 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण को प्रदेश में शीघ्र लागू करवाने की मांग व अनारक्षित वर्ग के लिए घोषित 10 प्रतिशत आरक्षण के नियमों की विसंगतियों को दूर करने की मांग करते हुए क्षात्र पुरुषार्थ फाउण्डेशन ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें विभिन्न मांगों को लेकर जानकारी दी गई तथा इस आरक्षण को राज्य में लागू करने की बात कही।एडवोकेट पूरणसिंह, एडवोकेट वीरबहादुरसिंह, तनुसिंह, गोविन्दसिंह, उम्मेदसिंह, नरेन्द्रसिंह, रावभारती, गणपतसिंह, विक्रम, करण आदि मौजूद थे।
आहोर. प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर उपखण्ड स्तर पर अनारक्षित वर्ग के लिए घोषित 10 प्रतिशत आरक्षण के नियमों की विसंगतियों को दूर करते हुए आरक्षण की प्रक्रिया को जल्द प्रारंभ करने की मांग की गई। इस सम्बंध में सोमवार को क्षात्र पुरुषार्थ फाउण्डेशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरक्षण की शर्त मे पांच एकड़ से कम जमीन, शहरी क्षेत्र में 100 गज भूखण्ड व ग्रामीण क्षेत्र में 200 गज से कम आकार के भूखण्ड जैसी अव्यवहारिक शर्तों को हटाने, राजस्थान प्रदेश सरकार से सभी के लिए सामाजिक न्याय की अवधारणा को ध्यान मे रखकर अव्यवहारिक नियमों पर पुनर्विचार कर इनको संशोधित करने की मांग की गई। प्रतिनिधि मंडल में प्रहलादसिंह रामा, ईश्वरसिंह थुम्बा, चन्दनसिंह डूडसी, पीरसिंह मालपुरा, डूंगरसिंह पाणवा, महेन्द्रसिंह मोरूआ, भवानीसिंह वेडिया, महेन्द्रसिंह वासन, वीरबहादूरसिंह असाड़ा, डूंूगरसिंह वागुन्दा, सूरजसिंह ऊण, जगतवीरसिंह चौराऊ, हिन्दूसिंह भाटा, जितेन्द्रसिंह देवकी, गुलाबसिंह मालपुरा, बाघसिंह सहित कई लोग मौजूद थे।
सायला. ईडब्ल्यूसी के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की प्रक्रिया शुरू नहीं करने को लेकर अनारक्षित वर्ग ने मुख्यमंत्री ने नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में बताया कि उपखंड अधिकारी स्तर पर ईडब्ल्यूसी के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किए जा रहे आवेदनों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।जबकि इसी आदेश के साथ विशेष पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण के प्रमाण पत्र भी बन रहे हैं एवं चालू भर्तियों में उन्हें आरक्षण भी मिल रहा है।जबकि ईडब्ल्यूसी आरक्षण में ऐसा नहीं किया जा रहा है। सवर्ण आरक्षण को लागू करवाने की मांग की।

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