शंखवाली : पखवाड़े में मिले डेंगू के आधा दर्जन मरीज
मौसम में बदलाव के साथ ही बढ़ रहे डेंगू के मरीज
Dengue patients found in Shankhwali Jalore
जालोर. जिले में इन दिनों कई गांवों में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। मौसम परिवर्तन के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू के मरीज बढ़ रहे है। जिला मुख्यालय पर भी चिकित्सकों के पास डेंगू के लक्षण वाले मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। जिले में छोटे बच्चों के डेंगू के लक्षण ज्यादा नजर आते है। जिले के आहोर तहसील के शंखवाली गांव में एक पखवाड़े में आधा दर्जन डेंगू के मरीज सामने आए है। निजी अस्पताल व निजी लैब में जांच के दौरान इन मरीजों में डेंगू के प्रारंभिक लक्षण पाए गए व प्लेटलेट्स काफी कम पाई गई। यहां के तीन-चार मरीजों में गुजरात से पालनपुर से उपचार लिया। जबकि अन्य मरीज आहोर व जालोर के चिकित्सालयों से उपचार ले रहे है। ग्रामीण दिनेश राजपुरोहित ने बताया कि उसके पुत्री व भतीज को कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। बुखार एक साथ ज्यादा आने पर निजी लैब में जांच करवाई गई। जहां कार्ड टेस्ट में डेंगू पाया गया। उन्होंने बताया कि बच्चों को उपचार के लिए जालोर चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है। हालांकि अस्पताल में हुई जांच में इन बच्चों को डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है।
डेंगू के लक्षण
साधारण डेंगू बुखार के तहत ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ता है। सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। वहीं आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होता है और आंखों को दबाने या हिलाने से दर्द और भी बढ़ जाता है।डेंगू के साधारण बुखार में बहुत ज्यादा कमजोरी होने के साथ भूख भी नहीं लगती है। जी मिचलाता है व मुंह का स्वाद भी खराब होता है।गले में हल्का दर्द होता है। शरीर में चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज नजर आते है। साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है। वहीं डेंगू के दूसरे चरण में हैमरेजिक बुखार होता है। जिसमें नाक और मसूढ़ों से खून आतास है। शौच या उलटी में खून आता है और स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाते है।
नहीं हुई एंटीलार्वा एक्टिविटी
शंखवाली गांव में जिस क्षेत्र में डेंगू के मरीज पाए गए है। उसके आसपास अक्सर पानी का भराव रहता है। वहीं मच्छरों की भी भरमार है। जिन मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए है। उनके आवास के आसपास दो सरकारी विद्यालय व आरओ प्लांट भी लगा हुआ है। जहां कई बार पानी का भराव होता है। गांव में इन स्थानों पर एंटीलार्वा एक्टिविटी भी नहीं की गई है।
चिकित्सा विभाग में निजी लैब में होने वाले कार्ड टेस्ट को वैध नहीं मानता है। इसके लिए एलाइजा टेस्ट किया जाता है। फिर भी शंखवाली गांव में जहां डेंगू के प्रारंभिक लक्षण वाले मरीज मिले है, वहां सर्वे करवाएंगे। गांव में एंटीलार्वा एक्टिविटी व फोगिंग करवा देंगे।
-डॉ. बीएल विश्नोई, सीएमएचओ
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